Bihar Crime News: पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की शाम को बिल्डर आलोक कुमार शर्मा की हुई हत्या मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पटना पुलिस ने इस घटना में शामिल अपराधकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है. रुपसपुर नहर रोड के चुल्हाईचक कोथवां मोड़ के पास बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने फिल्मी अंदाज में बिल्डर सह जमीन कारोबारी आलोक कुमार शर्मा (45 वर्ष) को गोलियों से भून दिया था. करीब दर्जन भर से अधिक राउंड फायरिंग की गयी थी. आठ गोलियां कारोबारी को लगी थी. वहीं इस मामले में अब पटना पुलिस ने शूटर, सुपारी देने वाली महिला समेत 5 लोगों की गिरफ्तारी की है.
बिल्डर आलोक शर्मा हत्याकांड मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है. सुपारी देने वाला मुख्य साजिशकर्ता और घटना में लिप्त एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है. गोली मारने वाला शूटर व घटना में संलिप्त 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से वो पिस्टल भी बरामद किया गया है जिससे हत्या की गयी. वहीं जिस बाइक पर सवार होकर अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया, उस बाइक की भी बरामदगी की गयी. बता दें कि इस घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो गए थे लेकिन उन्हें मोटरसाइकिल घटनास्थल के पास ही छोड़कर भागना पड़ा था. पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में इससे मदद मिली.
पटना पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता संजीव कुमार उर्फ छोटे है. उसके बड़े भाई मंटु शर्मा और उसके पिता सुधीर सिंह की हत्या वर्ष 2022 में कर दी गयी थी. मंटु शर्मा और आलोक कुमार शर्मा दोनों बिजनेस पार्टनर थे. मंटु की हत्या के बाद संजीव कुमार को यह लगता था कि आलोक शर्मा बिजनेस के करोड़ों रुपए हड़प चुका है. इसका विरोध भी वो करता था. करीब ढ़ाई महीने पहले उसे यह पता चला कि आलोक शर्मा उसके यानी संजीव व उसके परिवार की हत्या की साजिश कर रहा है. बदले की भावना से ग्रसित होकर उसने 10 लाख रुपए की सुपारी देकर आलोक की हत्या करवा दी. पटना पुलिस ने इस मामले में संजीव कुमार, विक्की कुमार, विवेक कुमार उर्फ चंदन और प्रियंका कुमारी को गिरफ्तार किया है. घटना में प्रयुक्त हथियार प्रियंका कुमारी ने ही छिपाकर रखा था.
गौरतलब है कि धनतेरस की खरीदारी के लिए बिल्डर आलोक कुमार शर्मा चालक सूरज के साथ निकले थे. आलोक खुद कार चला रहे थे. वह जैसे ही कोथवां मोड़ के पास पहुंचे, एक बुलेट पर सवार दो अपराधी और बाइक पर सवार एक अपराधी ने कार को ओवरटेक किया और सामने आ गये. इसके कारण आलोक शर्मा को ब्रेक लगाना पड़ा. तीन अपराधियों में से एक हेलमेट में था और दो बिना हेलमेट के थे. उन तीनों ने कमर से पिस्टल निकाली और कार के सामने से ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दी. गोली लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.
जानकारी के अनुसार, इससे पहले 13 दिसंबर, 2022 को बीएमपी 16 के पास स्थित घर में घुस कर अपराधियों ने उनके पार्टनर बिल्डर मंटू शर्मा व उनके पिता सुधीर शर्मा की हत्या कर दी थी. मंटू शर्मा की हत्या में दीघा के नाकट गोप व उसके बेटे सन्नी व अन्य को गिरफ्तार किया गया था. ये सभी अभी जेल में हैं. लेकिन मंटू शर्मा की हत्या के बाद यह माना जा रहा था कि अब अपराधियों के अगले टारगेट आलोक कुमार शर्मा हैं. करीबी बताते हैं कि आलोक कभी भी अकेले नहीं निकलते थे. लेकिन उस दिन उनके दिमाग में क्या आया, वे अकेले ही निकल गये. उनके दोस्त रंजन कहते हैं कि उनसे एक घंटा पहले ही बात हुई थी और उन्होंने केवल यह बताया कि धनतेरस की खरीदारी करके तुरंत लौट जाते हैं. इसके बाद वह खुद गाड़ी ड्राइव करते हुए चले गये. इतने में ही चालक सूरज ने गोली मारे जाने की सूचना दी. रंजन का कहना है कि सुरक्षा को लेकर वह काफी सर्तक रहते थे. पिस्टल के लाइसेंस के लिए भी डीएम को मार्च माह में आवेदन दिया था. लेकिन उन्हें लाइसेंस नहीं मिला.
फुलवारीशरीफ की मौर्य विहार कॉलोनी स्थित आलोक कुमार शर्मा के घर पर दीवाली की तैयारी हो रही थी और वह खुद धनतेरस का सामान खरीदने निकले थे. लेकिन मौत होने की खबर आने के बाद उनके घर में त्योहार का रंग फीका पड़ गया. बता दें कि आलोक कुमार शर्मा के पिता यदुनंदन शर्मा बिहार राज्य ट्रांसपोर्ट से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और उनकी मां शांति शर्मा खगौल के जगत नारायण लाल कॉलेज से सेवानिवृत प्रोफेसर हैं. आलोक का 14 वर्षीय बेटा डीपीएस में पढ़ता है और एक पांच साल की बेटी है. आलोक अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे.