पटना : बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में “जैविक कॉरिडोर” विकसित करने के लिए 155 करोड़ रुपये स्वीकृत किये जाने के साथ राज्य सरकार सभी 38 जिलों में “जैविक खेती” को बढ़ावा देगी. बिहार विधानसभा में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कृषि विभाग की 3,152.81 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से बहस का जवाब देते हुए प्रेम कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में “जैविक कॉरिडोर” विकसित करने के लिए 155 करोड़ रुपये स्वीकृत किये जाने के साथ राज्य सरकार सभी 38 जिलों में “जैविक खेती” को बढ़ावा देगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के बक्सर से भागलपुर जिले तक गंगा नदी के दोनों किनारे यह “जैविक कॉरिडोर” विकसित किया जा रहा है. प्रेम कुमार ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान 21,000 एकड़ में जैविक प्रमाणीकरण का कार्य किया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 23 जिलों में शुरू की गयी उद्यानिक उत्पाद विकास योजना के तहत 13 फसलों को उपजाने वाले किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिलने पर उत्पाद की प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए सरकार 90 प्रतिशत का अनुदान (10 लाख रुपये तक के निवेश में 9 लाख रुपये) देगी. किसान अपने उत्पाद का प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग कर सीधे विपणन कर सकेंगे.
प्रेम कुमार ने बिहार में कार्यान्वित कराई जा रही “कृषि रूपरेखा” के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चावल, गेहूं और मक्का उत्पादन में अपनी उपलब्धियों के लिए पांच बार राज्य को “कृषि कर्मण” पुरस्कार मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने “जल-जीवन-हरियाली” अभियान की शुरुआत की है और इसके तहत 24,524 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में पांच नये कृषि महाविद्यालय खोले जायेंगे. उन्होंने कहा कि नवीनतम तकनीक को समझने के लिए सरकार किसानों को “विदेश यात्रा” पर भेजने का फैसला किया है. प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के तहत 56 लाख किसानों के बैंक खातों में 2,745.82 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये हैं.
कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दलों राजद, कांग्रेस और भाकपा माले के विधायक प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में सदन से वाकआउट कर गये. सदन ने विपक्ष की अनुपस्थित में कृषि विभाग की मांग को ध्वनि मत से पारित कर दिया. बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कृषि विभाग में स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर बड़ी लूट का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विभाग भ्रष्टाचार का मंत्रालय रह गया है. तेजस्वी के आरोप को निराधार बताते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जून में स्थानांतरण और पदस्थापन होता है और हमने एक भी व्यक्ति का स्थानांतरण नहीं किया है.