संवाददाता, पटना कार्तिक पूर्णिमा पर 15 नवंबर को गंगा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान करने को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं. इसको लेकर 14 व 15 नवंबर को गंगा नदी सहित अन्य नदियों में नावों के परिचालन पर रोक लगायी गयी है. दीघा घाट से गायघाट तक एनडीआरएफ की तीन टीमें मोटरबोट, डीप गोताखोर व अन्य आवश्यक सामग्रियों सहित तैनात रहेंगी. गंगा घाटों के अलावा जिले में विभिन्न जगहों पर 500 मजिस्ट्रेट व 1500 पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी व अन्य नदियों के घाटों पर एक-दो दिन पूर्व से ही लोग आना प्रारंभ कर देते हैं. इससे घाटों पर काफी भीड़ एकत्रित होती है. किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति से निबटने के लिए सभी एसडीओ, एसडीपीओ, सीओ व अन्य पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. साथ ही आपदा प्रबंधन के मानकों के अनुसार त्रुटिहीन प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित करने को कहा गया है. घाटों पर सिविल डिफेंस के वोलंटियर्स तैनात रहेंगे : सभी सीओ को 14 से 15 नवंबर तक नदियों व तालाबों के घाटों पर नाव, नाविकों व गोताखोरों को तैनात रखने व इसकी निगरानी करने को कहा गया है. नागरिक सुरक्षा के उप नियंत्रक सिविल डिफेंस के वोलंटियर्स को प्रतिनियुक्त करेंगे. सभी महत्वपूर्ण घाटों पर एक-एक टैंकर शुद्ध पेयजल व अस्थायी शौचालय की व्यवस्था पीएचइडी की ओर से की जायेगी.दीघा पाटीपुल घाट, काली घाट, गांधी घाट, गायघाट व भद्र घाट पर एक-एक अग्निशमन वाहन टीम की प्रतिनियुक्ति रहेगी.
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