लोकसभा चुनाव परिणाम के 22 दिन बाद गुरुवार को भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने बिहार सरकार में शामिल भाजपा के मंत्रियों के साथ ही संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा करने के साथ ही मंत्रियों को टास्क भी सौंपा. भाजपा सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में हारे हुए पांच उम्मीदवारों को भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. लेकिन, इनमें से मात्र दो प्रत्याशी ही बैठक में मौजूद रहे. संगठन के कई नेताओं पर भीतरघात करने का आरोप भी इन प्रत्याशियों ने लगाया.
भाजपा की बैठक में हारे हुए तीन उम्मीदवार नहीं आए
भाजपा की इस बैठक में चुनाव हारने वाले बीजेपी उम्मीदवारों को भी बुलाया गया था. लेकिन ऐसे पांच उम्मीदवारों में केवल बक्सर से चुनाव हारे मिथिलेश तिवारी एवं सासाराम से हारे शिवेश ने ही उपस्थित हुए. इन्हें अपनी बात रखने को कहा गया था. इन दो उम्मीदवारों ने हार के कारणों से प्रभारी को अवगत कराया. आरा से प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह एवं पाटलिपुत्र के पूर्व सांसद राम कृपाल यादव इस बैठक में उपस्थित नहीं हुए. उपस्थित दोनों प्रत्याशियों ने संगठन के कई नेताओं पर भीतरघात का आरोप मढ़ा.
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सप्ताह में एक दिन जिला प्रवास का सौंपा टास्क
हारे हुए प्रत्याशियों से फीडबैक लेने के बाद विनोद तावड़े ने नीतीश सरकार में सम्मिलित भाजपा कोटे के मंत्रियों की बैठक ली. इस दौरान पांच बिंदुओं पर काम करने का टास्क दिया. हर मंत्री से उनके विभाग के दो-दो महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में पूछा गया और उसे बेहतर ढंग से लागू करने का निर्देश दिया गया.
बैठक के लिए तैयारी करने के निर्देश मिले
इसके साथ ही संगठन से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित शिकायत का समाधान कराने, रोस्टर बनाकर सप्ताह में कम से कम एक जिले का दौरा प्रवास करने और जिलों में पार्टी पदाधिकारियों एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने का टास्क भी सौंपा. पांच जुलाई को केंद्र सरकार में एनडीए के सभी मंत्रियों के अभिनंदन समारोह में सहभागिता के अतिरिक्त 12 जुलाई को होने वाली पार्टी की बड़ी बैठक में तैयारी के निर्देश दिये.