पटना. बिहार में एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद सोमवार को सीएम ने दूसरी बार जनता दरबार लगी. सीएम नीतीश कुमार ने जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए. समस्याओं को लेकर आने वाले लोगों के कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के बाद उन्हें जनता दरबार में लाया जा रहा है.
जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर आए एक बुजुर्ग रोने लगे। बुजुर्ग ने नीतीश कुमार से कहा कि बिजली विभाग ने उसे दौड़ा-दौड़ाकर परेशान कर रहा है. हर जगह हमने सेटलमेंट के लिए आवेदन दिया है. लेकिन कुछ नहीं हुआ. सर कुछ कीजिए. एक छोटी सी समस्या के लिए हमें आपके पास आना पड़ा. इससे पहले हमने अपनी फरियाद लेकर बिजली कंपनी के एमडी तक गए थे, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी.
इसके बाद सीएम ने बिजली विभाग के सचिव को फोन कर कहा कि इस मामले को देखिए, जिसने भी देरी की है उस पर कार्रवाई करिए. इसके थोड़ी बाद ही पीड़ित बुजुर्ग का आनन-फानन में सेटलमेंट हो गया और 1542 रुपये का चेक दे दिया गया. जनता दरबार से निकलने से पहले सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सर, हम तो परेशान हुए लेकिन आगे कोई इस तरह से परेशानी में न पड़े इसे सुनिश्चित करिये.
नल तो है लेकिन उसमें जल नहीं आता
जनता दरबार में मुख्यमत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नल-जल योजना’ में गड़बड़ी की कई शिकायत मिली. लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि योजना के तहत आधा-अघूरा काम कराया गया है. कई जगह केवल टंकी लगाकर छोड़ दिया गया है, जिसमें पानी नहीं आता. सारी बातों को सुनने के बाद सीएम ने तत्काल पंचायती राज विभाग को इसकी जांच के आदेश दिया.