देश में कोरोना महामारी की चौथी लहर की सम्भावना को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक करने वाले हैं. इस बैठक के पहले बिहार में कोरोना को लेकर सतर्कता देखने को मिल रही है. बिहार का स्वास्थ्य विभाग कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच हेल्थ सिस्टम की जांच करने में लगा है.
दो दिवसीय राज्यस्तरिय बैठक में पूरे सिस्टम को खंगाला जाएगा. पहले दिन सोमवार को पटना की समीक्षा की हुई. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की अध्यक्षता में हुई मासिक समीक्षा में स्वास्थ्य विभाग ने हर पहलू पर तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि योजना के साथ जिलों को टास्क भी दिया जा रहा है. एईएस और जेई को लेकर विशेष समीक्षा भी की जा रही है.
कोरोना संक्रमण दिल्ली से लेकर पड़ोसी राज्य झारखंड और यूपी में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में बिहार का स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जूता हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे हैं. वैक्सीनेशन से लेकर अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की लगातार जांच की जा रही है. इसी क्रम में पटना में दो दिवसीय समीक्षा हो रही है, जिसमें राज्य के सभी जिलों के स्वास्थ्य सेवाओं पर मंथन हो रहा है.
पटना के ज्ञान भवन में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मासिक समीक्षा की बैठक चल रही है. इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर मंथन चल रहा है. समीक्षा के लिए 18 जिलों के सिविल सर्जन और सभी क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, सिविल सर्जन, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक और जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को शामिल किया गया है. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य के कार्यक्रमों में तेजी लाने का निर्देश दिया है
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समीक्षा बैठक में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ ही टीकाकरण पर भी विशेष जोर देने को कहा गया है. इसके साथ ही मातृ-मृत्यु दर को कम करने एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए भी हर मुमकिन प्रयास करने पर जोर दिया गया. इसके अलावा सभी राज्य कार्यक्रम पदाधिकारियों को स्वास्थ्य अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों की गति पर नजर रखते हुए जिलों में औचक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग में कोरोना की संभावित लहर के पहले संक्रमण से निपटने को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने को लेकर भी आदेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को भी समय-समय पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए भी पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है.