पटना : सूबे सहित पटना जिले में मतदान केंद्रों को युक्तिसंगत बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके तहत प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1000 से अधिक न हो. सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्र के मुकाबले मतदाताओं की संख्या का आकलन किया जाये तो 200 से अधिक सहायक मतदान केंद्र बनाये जाने की आवश्यकता पड़ेगी. इनमें से अधिकांश सहायक मतदान केंद्र खास कर आठ विधानसभा क्षेत्रों में बनेंगे.
पटना जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की संख्या के मुकाबले मतदाताओं की संख्या अधिक है. इस कारण कई मतदान केंद्रों पर एक हजार से ज्यादा मतदाता हैं. लेकिन, अब इन बूथों पर एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं रहेंगे. एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के अनुसार, इन छह विधानसभा क्षेत्रों में 200 से अधिक सहायक मतदान केंद्र बनाया जा सकता है. बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब व दानापुर विधानसभा क्षेत्र में कई बूथ ऐसे हैं, जहां एक हजार से ज्यादा मतदाता हैं. यह उस विधानसभा के मतदाता की संख्या और बूथ की संख्या देखने से स्पष्ट हो जाता है.
इसलिए इन सातों विधानसभा क्षेत्र में सहायक मतदाता केंद्र बनाया जायेगा. मसलन दीघा विधानसभा में 408 मतदान केंद्र हैं, जबकि यहां मतदाता सूची के अनुसार मतदाताओं की संख्या 4,52,182 है. इस विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 45 नये मतदान केंद्रों की आवश्यकता है. अनुमान के अनुसार, बख्तियारपुर में कम से कम पांच, दीघा में 45, बांकीपुर में 40, कुम्हरार में 54, पटना साहिब में 30 व दानापुर में 25 सहायक मतदान केंद्र बनाये जा सकते हैं. इसके साथ ही आठ विस क्षेत्रों में केंद्र की संख्या अधिक होने के कारण सहायक केंद्र बनाने की आवश्यकता नहीं होगी.