10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Flood: बंगाल नहीं जायेगा नेपाल से आया सारा पानी, बिहार में जल संचय योजना का ब्लूप्रिंट तैयार

Bihar Flood: उत्तर बिहार की नदियों के पुरानी धार को पुनर्जिवित किया जायेगा. साथ ही उसके बगल में पोखर-तालाब और कुंओं का निर्माण किया जाएगा. इनमें मानसून अवधि में पानी का संचय होगा. यही नहीं छोटे-छोटे जल संग्रह केन्द्र होने से भूजल की स्थिति बेहतर होगी. इससे गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत नहीं होगी.

Bihar Flood: पटना. नेपाल से आये पानी को बिहार के नदी, धार(नहर), चौर और तालाब में सहेजा जायेगा. धार और तालाब को सूखने से बचाने का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है. मॉनसून के मौसम में नेपाल से आये पानी को बिहार अभी संचय नहीं कर पाता है और यह पानी बह कर बंगाल चला जाता है. अब सरकार पानी को स्टोर करने की योजना तैयार कर रही है. जल संचय नहीं होने से बिहार में हर साल गर्मी के मौसम में 60 से अधिक नदियां सूख जाती हैं. अब इन नदियों को सूखने नहीं दिया जायेगा. जल संसाधन विभाग ने इस गंभीर समस्या से लड़ने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की है.

अधिशेष जल को किया जायेगा संरक्षित

जल संसाधन विभाग ने इस योजना को तैयार करने के पीछे सिर्फ एक बात को आधार बनाया है कि मानसून अवधि के अधिशेष जल को किसी सूरत में बर्बाद नहीं होने देना है, उन्हें संरक्षित करना है. विभाग ने उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की नदियों के लिए अलग-अलग योजना बनायी है. उत्तर बिहार की नदियां मानसून अवधि में उफनायी रहती हैं. यही नहीं उनमें साल के अधिसंख्य दिनों में पानी रहता है, जबकि, दक्षिण बिहार की नदियां अधिसंख्य समय सूखी रहती हैं. मानसून अवधि में भी कई नदियों में पानी नहीं रहता है. अधिकारियों के अनुसार उत्तर और दक्षिण बिहार की नदियों की प्रकृति अलग-अलग है, लिहाजा उनके लिए अलग-अलग योजना तैयार की गयी है. विशेषज्ञों व इंजीनियरों की पहल पर बनी इस योजना के कार्यान्वयन के बाद माना जा रहा है कि बिहार की नदियां जल संकट से नहीं जूझेंगी और गर्मी के मौसम में भी नहरों और तालाबों में प्रयाप्त पानी रहेगा. इससे राज्य में गिरते भूजल स्तर को भी बचाया जा सकेगा.

क्या है योजना

उत्तर बिहार की नदियों के किनारे पोखर-तालाब और कुंओं का निर्माण किया जाएगा. इनमें मानसून अवधि में पानी का संचय होगा. यही नहीं छोटे-छोटे जल संग्रह केन्द्र होने से भूजल की स्थिति बेहतर होगी. इससे गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत नहीं होगी. यह नदियों को सूखने से बचाने में कारगर साबित होगा. दक्षिण बिहार की नदियों में मानसून अवधि में प्राप्त अधिशेष जल को चैक डैम और वीयर बनाकर संचित किया जाएगा. इससे मानसून अवधि में बाढ़ का खतरा कम होगा. पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारण भी हो जाएगा. गर्मी के समय इस पानी का उपयोग नदियों को सूखे से बचानेके लिए किया जाएगा. उनमें जरूरत के हिसाब से पानी की आपूर्ति की जाएगी.

Also Read: Patna Airport: पटना एयरपोर्ट से 24 साल बाद शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान, इन देशों के लिए हवाई सेवा जल्द

क्या कहते हैं मंत्री

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी कहते हैं कि इस योजना का दोहरा लाभ होगा. एक तो नदियों में जल संकट की स्थिति नहीं होगी, दूसरा भूजल स्तर बना रहेगा. जलस्रोतों की अधिकता से नदियों का अधिशेष पानी बेकार नहीं होगा. वे नदियों के पास ही संचित रहेंगे और छोटे-छोटे जलाशय के रूप में काम करेंगे. बिहार में हर साल बड़ी संख्या में नदियां सूखती हैं. हम इस समस्या पर बेहद गंभीर हैं. कई स्तरों पर प्रयास किया है. हम आगे भी व्यापक कार्ययोजना बनाकर काम करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें