Bihar Flood पटना में पिछले कई दिनों से मानसून लगातार सक्रिय है. शुक्रवार के दोपहर में भी जिले के कई जगहों पर अच्छी बरसात हुई. दोपहर एक बजे के बाद करीब 40 मिनट तक जम कर हुई बारिश से सबसे अधिक दानापुर में 72 एमएम पानी गिरा. जो इस सीजन में हुई अब तक की सबसे अधिक बारिश है. इसके अलावा शहरी इलाकों में औसतन 14 एमएम पानी गिरा. जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सीएम आवास के पास 14.80 एमएम, पटना सिटी क्षेत्र में 16 एमएम, कंकड़बाग में 12.80 एमएम, पटना सदर में 15.40 एमएम पानी रिकॉर्ड किया गया.
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पश्चिम झारखंड के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण अब दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश तक समूद्र तल से औसत 4.5 किमी ऊपर बना हुआ है. दक्षिण पश्चिम मानसून की अक्षीय रेखा राजस्थान यूपी और झारखंड से होते हुए पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है. इसके कारण अगले पांच दिनों तक राज्य में मानसून की गतिविधि बनी रहेगी.
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 से 48 घंटे में राज्य के कुछ स्थानों में भारी वर्षा और अधिकांश स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं. हालांकि इससे दिन और रात के तापमान में कोई विशेष अंतर नहीं होगा. मालूम हो कि पटना में बीते 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकार्ड वर्ष 2014 के 14 अगस्त को है. इस दिन 178 एमएम बारिश हुई थी.
दानापुर से लेकर पटना सिटी के गंगा घाटों पर खतरे का निशान पार
बारिश के बीते बीते 24 घंटे में पटना जिले के गंगा घाटों पर लगातार पानी बढ़ रहा है. मनेर को छोड़ कर दीघा, गांधी घाट और हाथीदह पर गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग के गंगा-सोन बाढ़ कंट्रोल डिविजन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार की सुबह मनेर में 51.48 मीटर गंगा बह रही थी, जबकि यहां खतरे का निशान 52 मीटर है.
इसके अलावा दीघा में 50.32 मीटर गंगा का जल स्तर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 50.45 मीटर है. गांधी घाट में गंगा का जल स्तर 48.96 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है. ह हाथीदह में भी गंगा खतरे के निशान के पार रही. यहां जल स्तर 41.83 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 41.76 मीटर है.
मरीन ड्राइव को छूने लगा गंगा का पानी
इधर, पानी बढ़ने से गंगा मरीन ड्राइव के और करीब आ गयी है. शुक्रवार को दीघा के पास करीब 100 मीटर बढ़ कर मरीन ड्राइव के पास आ गया. पानी बढ़ने से जेपी सेतू के नीचे वाला मैदान पूरी तरफ से डूब गया. इसके अलावा दीघा एसटीपी के पास भी चारों तरफ पानी भरा हुआ है. पानी भरने से मेट्रो में निर्माण कार्य के लिए बनायी जगह भी डूब गयी है. इसके अलावा गंगा का पानी लगभग तीन किमी अंदर कलेक्ट्रेट घाट पर भी पानी भर गया है. गंगा रिसर्च सेंटर के भवन के नीचे पानी आ चुका है. गांधी घाट पर घाटों को पार कर गंगा का पानी पाथ-वे का पर पहुंचने लगा है.