Land Mutation in Bihar: म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) को लेकर लोगों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार अब खुद ही इस काम को करेगी. अब किसी को दाखिल-खारिज के लिए आवेदन भी नहीं करना पड़ेगा. मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन की प्रक्रिया स्वत: शुरू हो जायेगी. निबंधन एवं राजस्व विभाग इसी महीने से ‘सूओमोटो म्यूटेशन’ की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. यही नहीं अंचल या अन्य अधिकारी अब पहले के आवेदन को लटकाकर बाद वाले का डिस्पोजल नहीं कर पायेंगे. जिसकी रजिस्ट्री पहले उसका म्यूटेशन भी पहले करना होगा. हालांकि, पुराने दस्तावेजों के म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन की सुविधा अभी की तरह जारी रहेगी.
भूमि विवादों को जड़ को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सॉफ्टवेयर की मदद से सात दिनों के अंदर निबंधन और अंचल कार्यालय को आॅनलाइन जोड़ दिया जायेगा. जमीन की रजिस्ट्रेशन के लिए रैयत को ऑनलाइन आवेदन की जरूरत नहीं रहेगी. जमीन की रजिस्ट्री होते ही डीड (दस्तावेज) पीडीएफ फॉर्मेट में अंचल अधिकारी के लॉगिन में चला जायेगा. सीओ तुरंत ही म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे.
अपर मुख्य सचिव राजस्व विवेक कुमार सिंह और निबंधन विभाग के एसीएस आमिर सुबहानी ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को इसकी रिपोर्ट दे दी है. दोनों विभागों की तैयारी पूरी हो गयी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एसीएस एक हफ्ते में इसको लॉन्च करने की तारीख निर्धारित कर देंगे. एक महीने के अंदर यह सुविधा बिहार के लोगों को मिलने लगेगी. अभी लोगों को म्यूटेशन के लिए रजिस्ट्री कराने के बाद डीड की फोटो कॉपी लगाकर आॅनलाइन आवेदन करना पड़ता है.
नयी व्यवस्था में जिसकी रजिस्ट्री पहले होगी उसका म्यूटेशन भी पहले होगा. अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने बताया कि अब म्यूटेशन में ‘फिटो’ (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट )की व्यवस्था लागू कर दी गयी है. इसके तहत म्यूटेशन का जो केस पहले आयेगा उसका निबटारा पहले करना होगा. अधिकारी पहले मामले को लंबित रखकर बाद के मामले का डिस्पोजल नहीं कर सकेंगे. कोई ऐसा करना चाहेगा तो सॉफ्टवेयर ऐसा नहीं होने देगा. रजिस्टर टू में भी पुराने की जगह नये खरीददार का नाम दर्ज हो जायेगा. यदि कोई प्रापर्टी पूरी नहीं बिकती, उसका कुछ हिस्सा की रजिस्ट्री होती है तो खरीददार का नाम उस प्रापर्टी में हिस्सेदार के रूप में दर्ज किया जायेगा.
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राजस्व अधिकारियों के झोले में राजस्व का कोई दस्तावेज नहीं रहेगा. दस्तावेज ऑनलाइन कर दिये गये हैं. पंजिका-टू को भी आॅनलाइन कर दिया गया है लेकिन उसमें कई एंट्री सही नहीं हैं. इसके दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए ये दस्तावेज मॉडर्न रिकॉर्ड रूम में एक अलमीरा में रहेंगे. अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के अनुरोध पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शनिवार को सभी डीएम को इस संबंध में निर्देश दिये हैं. राजस्व कर्मचारी को सुधार के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत होगी तो उसे अंचल अधिकारी से इजाजत लेनी पड़ेगी.
-म्यूटेशन के प्रति माह आवेदन @1.5 लाख
-म्यूटेशन के अब तक लंबित मामले @951196
-परिमार्जन पोर्टल पर अस्वीकृत केस @31025
-होल्डिंग रसीद (सालाना) @ 1.15 करोड़
Posted By: Thakur Shaktilochan