Bihar Flood: नेपाल में हुई जबरदस्त बारिश के कारण बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण तथा गोपालगंज सहित कुछ अन्य जिलों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई गांव जलमग्न हो गये हैं और लोगों को अपने घर से विस्थापित होना पड़ा. कोसी, गंडक और बागमती सहित कई नदियां उफान पर हैं. पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में एक-एक रिंग बांध टूट गया है. पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड में घोड़हिया पीडी रिंग बांध सोमवार की रात करीब 11 बजे टूट गया. इससे गंडक का पानी तेजी से गांवों की ओर फैलने लगा है. इससे करीब 50 गांव प्रभावित हो गये हैं.
तटबंधों के टूटने से 100 से अधिक गांव जलमग्न
सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो चुकी है. वहीं, पूर्वी चंपारण के अरेराज में चटिया के पास सरेया में रिंग बांध टूट गया है. सीतामढ़ी जिले में 20 साल बाद बाढ़ का सबसे खतरनाक मंजर देखने को मिल रहा है. यहां बेलसंड, रुन्नीसैदपुर और बैरगनिया सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बागमती नदी के तटबंधों के टूटने से 100 से अधिक गांव जलमग्न हो गये हैं, तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं और हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गयी हैं. वहीं, मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज, गायघाट, कटरा, औराई की दस पंचायतों में रहनेवाले 32 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
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बाढ़ से विकराल हुआ ग्रामीण इलाका, सड़क संपर्क हुए भंग
कोसी बराज से छोड़ा गया पानी अब अन्य जिलों को प्रभावित करने लगा है. मंगलवार को सहरसा, खगड़िया, भागलपुर, कटिहार व पूर्णिया के नये गांवों में पानी फैलने लगा. दूसरी ओर कोसी तटबंध के अंदर के हालात भी ठीक नहीं हैं. पानी घटने के बाद तबाही का मंजर दिखने लगा है. कई गांवों की सड़कों का अस्तित्व मिट चुका है. कई घरों में अब तक पानी व गाद लबालब भरा हुआ है. वहीं कटाव की त्रासदी अभी बाकी है, क्योंकि कोसी में पानी कम होने के बाद भीषण कटाव होता रहा है.
कई गांव टापू बन गये
सहरसा की पड़ड़िया पंचायत के मैना स्थित एनएच 107 से चिल्लारही होते हुए अरसी गांव जाने वाली सड़क सुरसर नदी के कटाव से मंगलवार को ध्वस्त हो गयी. खगड़िया में बेलदौर व अलौली के एक दर्जन से अधिक पंचायतें प्रभावित हैं. मधेपुरा के फुलौत प्रखंड क्षेत्र की दस हजार आबादी वाले दर्जनों गांवों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. भागलपुर में गंगा व कोसी का जलस्तर बढ़ रहा है. नवगछिया इलाके में स्थिति गंभीर बनी हुई है. कई गांव टापू बन गये हैं.
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