Bihar Land Survey: पटना. जमीन सर्वे के लिए दस्तावेज जुटाने में बिहार के हर गांव के ग्रामीण हलकान हैं. इसकी पेंचीदगियों की हर ओर चर्चा है. मगर, जमीन सर्वे ने कई लोगों की खोयी जमीन वापस पाने की आस भी जगा दी है. मोतिहारी के घोड़ासहन थाना के श्रीपुर कवैया के उत्तरवारी टोला की 94 साल की वृद्धा शैल देवी भी इसी आस में हैं. जमीन सर्वे से उम्मीद जगी है कि उनकी मायके की दादा और पिता की खोयी जमीन फिर से वापस मिल जायेगी. वंशावली में बेटियों का भी नाम देना है. वंशावली बनाने के समय शैल देवी, उनके दादा और पिता का नाम देना मजबूरी हो जायेगी. इस लिहाज से अपने पिता व दादा की जमीन पर उनका दावा और पुख्ता हो जायेगा.
2015 के बाद जमीन पर शुरू हो गया विवाद
शैल देवी के पोते संजय कुमार सिंह के अनुसार, शैल देवी अपने पिता स्व. राम इकबाल सिंह की इकलौती पुत्री हैं. स्व इकबाल सिंह भी अपने पिता ब्रह्मदेव सिंह के इकलौते बेटे थे. इस लिहाज से दादा व पिता की संपत्ति पर शैल देवी का हिस्सा है. संपत्ति दादा के नाम पर है. पारिवारिक जमीन में उनके दादा ब्रह्मदेव सिंह के हिस्से लगभग 13 एकड़ जमीन थी. इसमें वर्ष 2015 में लगभग ढाई एकड़ जमीन की बिक्री भी शैल देवी ने की.
कोरोना के समय से मायके कम जाने से जमीन से बेदखल
संजय कुमार के अनुसार, बाद में कोरोना के समय दादी का मायके आना-जाना कम हो गया. परिवार के दूसरे सदस्यों ने जमीन पर कब्जा कर लिया. दस्तावेज प्रस्तुत कर बताया कि इसकी शिकायत सीओ से की गयी. मामले की सुनवाई चल रही है. संजय का कहना है कि जमीन सर्वे से उनको आस जगी है. सर्वे में सभी विवरण देने होंगे. दूसरे पक्ष को भी पूर्ण विवरण देना होगा. इससे उनका भी काम आसान हो जायेगा. वंशावली में मेरी दादी के दादा और पिता का नाम आने के बाद उनकी हिस्सेदारी मजबूत हो जायेगी.