Bihar Land Survey: पटना. बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बाढ़ग्रस्त इलाके के रैयतों की बड़ी समस्या का समाधान कर दिया है. बाढ़ में बह गये जमीन के दस्तावेज को लेकर परेशान रैयतों को राहत देते हुए मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जमीन के कागजात को लेकर किसी को घबराने की जरुरत नहीं है. सरकार उन सभी रैयतों को कागजात मुहैया करायेगी, जिनके दस्तावेज बाढ़ में बह गये हैं या पानी में डूबने से खराब हो गये हैं. एक साल के अंदर जमीन मालिकों को विभाग कागजात उपलब्ध कराएगा. मंत्री ने कहा है कि जमीन के कागजात को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की है. इसे लेकर सभी अंचलाधिकारी को आदेश भी जारी किया गया है.
पिछले दिनों आई बाढ़ में बह गये कई रैयतों के दस्तावेज
पिछले दिनों नेपाल में आई भारी बारिश के बाद तमाम बराज को खोल दिया गया, जिसके बाद कई तटबंध टूट जाने से बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया. अचानक पानी गांव और घर में घुस जाने के कारण ज्यादातर लोग घर में रखे कागजात नहीं निकाल पाए. घर में रखे डॉक्यूमेंट भीग कर नष्ट हो गया है, जिसके कारण कई लोगों को सर्वे का काम नहीं होने का डर सताने लगा है. ऐसे लोगों को विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार रैयतों की समस्या बखूबी समझ रही है. उनके लिए सरकार विशेष व्यवस्था करेंगी. इसलिए रैयतों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
16 जिले के रैयतों को मिलेगी राहत
मंत्री ने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाके के रैयतों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन का कागजात उपलब्ध कराएगा. इसमें किसी तरह की परेशानी रैयतों को नहीं झेलनी पड़ेगी. बिहार में ऐसे 16 जिले किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा,पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, कटिहार और खगड़िया बाढ़ग्रस्त जिले हैं. यहां रहने वाले रैयत जमीन के सर्वे को लेकर परेशान है, लेकिन मंत्री दिलीप जायसवाल के आश्वासन के बाद अब उन्हें बड़ी राहत मिली है.