Bihar Land Survey बिहार में भूमि सर्वे को लेकर काफी तेजी से काम चल रहा है. इधर, अब इसको बंद करने की भी मांग उठने लगी है. भारतीय किसान संघ की ओर से इसको लेकर 30 सितंबर को धरना देगी. जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की आज हुई बैठक में बिहार चल रहे जमीन सर्वे को बंद करने की मांग किया गया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वक्ताओं ने कहा कि बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण के चलते गांव-गांव में विवाद पैदा हो रहे हैं. इससे न्यायालय में मुकदमे के बोझ बढ़ जायेंगे. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार से मांग किया कि राज्य सरकार तत्काल भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगाए.
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इसके साथ ही वक्ताओं ने कहा कि वक्ताओं ने कहा कि नए फौजदारी कानून पुलिस को अनावश्यक अधिकार प्रदान करता है. बैठक में बिहार सरकार से नये कानून पर पश्चिम बंगाल की तर्ज पर प्रस्ताव पारित करने की मांग की गयी. बैठक की अध्यक्षता पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने की. बैठक को भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह, इरफान अहमद, गोपाल कृष्ण, रामजीवन सिंह, गिरजा नंदन सिंह, लक्ष्मी कांत तिवारी, डाॅ रामाकांत अकेला, उमाकांत सिंह, दिलीप कुमार सिंह, महेश रजक, संयुक्ता सिंह, रजनीश आदि अधिवक्ताओं ने संबोधित किया.
भारतीय किसान संघ का धरना
भारतीय किसान संघ 30 सितंबर को बिहार में हो रहे जमीन सर्वे में धांधली व अन्य राज्य व्यापी मुद्दों को लेकर जिला केंद्र पर धरना देगा. इसकी तैयारी चल रही है. सर्वे के नाम पर विभिन्न माध्यमों से किसानों का अर्थ दोहन किया जा रहा है. ठसमे जमाबंदी सुधार, खतियान निकासी, परिमार्जन, सर्वे अमीन के द्वारा नये-नये तरीके अपना कर अर्थ दोहन के नये मार्ग सृजन किया जा रहा है.
जैसे राजस्व मौजा समाय में सर्वे अमीन ने एक नया तरीका अपनाते हुए जो भी साइबर सेंटर पंचायत में है, उससे गठजोड़ कर यह घोषणा किया ऑफलाइन हम-आप से दस्तावेज नहीं लेंगे. क्योंकि ऐसे खोने का डर है. ऑनलाइन किये गये कागजात ही हम लेंगे. यहां यह विदित हो कि साइबर कैफे में 250, 300, 500 तक रुपये लेकर और इसमें अमीन व संबंधित कर्मचारी का कमीशन फिक्स है. भारतीय किसान संघ कृषि आर्थिक शोध संस्थान प्रदेश संयोजक मनोज कुमार ने कहा कि इस प्रकार के मनमानी को तत्काल रोका जाये. सर्वे के नाम पर किसानों का शोषण से बचाया जा सके.