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Bihar News: संजीव हंस के करीबी ईडी के रडार पर, कई सफेदपोशों पर बड़े एक्शन की तैयारी

Bihar News: दर्ज एफआईआर में 13 नामजद समेत अन्य व्यक्ति और कंपनियों को अभियुक्त बनाया गया हैं. इन सभी की संलिप्तता अवैध कमाई की पूरे तंत्र में प्रमुखता से सामने आई है.

Bihar News: पटना. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के आईएएस संजीव हंस समेत चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब उनके करीब के लोगों पर बड़े एक्शन की तैयारी की जा रही है. कई सफेदपोश ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के रडार पर हैं. जल्द ही इस मामले में कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. इसमें दिल्ली, पटना समेत अन्य स्थानों पर रहनेवाले सफेदपोश शामिल हैं. एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) के स्तर से आईएएस संजीव हंस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) और पद का दुरुपयोग करके अवैध तरीके से पैसे कमाने समेत अन्य आरोपों में दर्ज एफआईआर में 13 नामजद समेत अन्य व्यक्ति और कंपनियों को अभियुक्त बनाया गया हैं. इन सभी की संलिप्तता अवैध कमाई की पूरे तंत्र में प्रमुखता से सामने आई है.

ये नामजद हैं फेहरिस्त में

नामजद अभियुक्तों की फेहरिस्त में प्रवीण चौधरी भी शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. 13 नामजदों की फेहरिस्त में अब तक तीन लोगों संजीव हंस, गुलाब यादव और प्रवीण चौधरी के अलावा एफआईआर के अतिरिक्त एक अन्य गैर-नामजद अभियुक्त शादाब खान को भी गिरफ्तार किया गया है. 10 नामजद अभियुक्तों में भी सभी या कुछ की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है. बचे हुए नामजद अभियुक्तों में संजीव हंस की पत्नी हरलो विलीन कौर उर्फ मोना हंस, गुलाब यादव की पत्नी सह मधुबनी से एमएलसी अंबिका यादव, एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस के सुनील कुमार सिन्हा, गायत्री कुमारी, तरुण राघव, संजीव हंस के सालेगुरुगु बालतेज और पिता लक्ष्मण दास, आनंद ट्रेडिंग के देविंद्र सिंह, सुरेश सिंघला और उनके समधि कमलकांत गुप्ता शामिल हैं.

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संजीव हंस को हो सकती है दस साल तक सजा

संजीव हंस समेत अन्य के खिलाफ दर्ज इस एफआईआर में भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग, गलत या आपराधिक गतिविधि से पैसे कमाने समेत अन्य संगीन आरोपों का उल्लेख करते हुए सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया गया है. भारतीय न्याय संहिता, 2022 की धारा 6/318(4), पीसी एक्ट, 2018 की धारा 7, 12, 13(1)(ए)(बी), 13(2) और भ्रष्टाचार से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करना शामिल है. इन धाराओं के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता केडी मिश्रा के अनुसार, ये सभी धाराएं संगीन हैं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है. धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अलावा पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की कई संगीन धाराएं शामिल हैं. भ्रष्टाचार मामलेमें 10 वर्ष की न्यूनतम सजा का प्रावधान है. अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजाएं भी हो सकती हैं या एक साथ भी हो सकती है.

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