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बिहार में नदियों और नहरों में जमा गाद से बनेंगे ईंट, नदी बचाने के लिए सरकार कर रही ये प्लान

Bihar News: सरकार के इस फैसले से नदियों से गाद की समस्या दूर होगी, गाद हटाने में सरकार का खर्च बचेगा और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

Bihar News: पटना. उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नदियों और नहरों में जमा गाद को टेंडर के माध्यम से निकालने की जिम्मेदारी ईंट-भट्ठा संचालकों को दी जा सकती है. इससे नदियों से गाद की समस्या दूर होगी, गाद हटाने में सरकार का खर्च बचेगा और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. साथ ही मिट्टी खनन संबंधी नयी नियमावली बनायी जायेगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में निर्णय लिया जायेगा. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह बातें ईंट-भट्ठा संचालकों और ईंट-भट्ठा एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को बैठक के बाद पत्रकारों से कहीं. इस बैठक का आयोजन पटना के विकास भवन में किया गया था.

ईंट बनाने के लिए मिट्टी की नहीं होगी कमी

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 6500 ईंट-भट्ठे हैं. ईंट बनाने के लिए मिट्टी की कमी रहती है. मिट्टी खनन की नियमावली को पिछले दिनों पटना हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके अपील में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले के समाधान के लिए उन्होंने केंद्रीय काेयला एवं खनिज मंत्री सहित केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री को भी पत्र लिखा है. साथ ही एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ईंट-भट्ठा एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव दिया है कि नदियों या नहरों की गाद की सफाई वे करना चाहते हैं. इस संबंध में उन्होंने टेंडर के माध्यम से गाद सफाई की जिम्मेदारी मांगी है. इससे निकलने वाली मिट्टी का उपयोग वे ईंट-भट्ठा में करेंगे.

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हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गया मामला

खान एवं भूतत्व विभाग ने 14.09.2020 को अधिसूचना जारी कर बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली में संशोधन किया था. इसमें खनन की गहराई समीप के जमीन के स्तर से डेढ़ मीटर से अधिक नहीं होने की स्थिति में ईंट भट्ठा के उद्देश्य से ईंट मिट्टी के उत्खनन को खनन गतिविधि नहीं मानने की बात कही गई थी. साथ ही इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए पर्यावरणीय सहमति की आवश्यकता नहीं होने का प्रावधान शामिल किया गया था. इस संबंध में पटना हाइकोर्ट ने अभय कुमार बनाम बिहार राज्य के संबंध में 7.03.2024 को आदेश पारित कर विभाग की पूर्व अधिसूचना निरस्त कर दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी को 22.07.2024 के आदेश से खारिज कर दिया गया. साथ ही यह आदेश दिया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अद्यतन अधिसूचना या दिशा-निर्देशों के अनुरूप आवश्यक पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त कर ही ईंट-भट्ठा के उद्देश्य से मिट्टी का उत्खनन किया जाएगा.

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