Bihar News: बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है. इस सर्वेक्षण के दौरान सही कागजात दिखाने पर जमीन के मालिकों को उनका मालिकाना हक दिया जायेगा. सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षणकर्मी जमीन के असली मालिक से कई कागजात मांगेंगे और इनके सत्यापन के बाद जमीन से जुड़ी जानकारियों को अपडेट कर दिया जायेगा. इनमें से एक अहम कागजात वंशावली भी है. आम भाषा में वंशावली का मतलब यह हुआ कि किसी व्यक्ति, परिवार या समूह के पूर्वजों के वंश का लेखा-जोखा. इसमें वंशावली बनाने वाले परिवार के पूर्वजों का विवरण होता है. संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार आदेश के आलोक में वंशावली ग्राम कचहरी के सरपंच के हस्ताक्षर और मोहर से निर्गत होगा.
वंशावली बनवाने की प्रक्रिया
आवेदक को परिवार का वंशावली सूची तैयार कर शपथ पत्र बनवाकर ग्राम पंचायत सचिव को देना होगा. पंचायत सचिव सात दिनों के अन्दर वंशावली कागजात को जांच कर जांच प्रतिवेदन ग्राम कचहरी सचिव को देंगे. ग्राम कचहरी सचिव कार्यालय अभिलेख में वंशावली कागजात को दर्ज करते हुए. सरपंच को वंशावली निर्गत करने के लिए अभिलेख को भेजेंगे. सरपंच वंशावली प्रमाणपत्र पर अपना हस्ताक्षर, मोहर करने के बाद आवेदन कर्ता को वापस लौटा देंगे. इसके लिए आवेदक ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया में से कोई एक को चुन सकता है. ऑनलाइन वंशावली फॉर्म भरकर आवेदन कर सकते हैं. वंशावली बनवाने के लिए आपको dlrs.bihar.gov.in पर जाना होगा. इस वेबसाइट पर आने के बाद आपको विशेष सर्वेक्षण से संबंधित सेवाएं का विकल्प चुनना होगा.
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वंशावली को लेकर सरपंच संघ ने की बैठक
गया में बुधवार को डोभी की ठाकुरबाड़ी के प्रांगण में पंच-सरपंच संघ की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता डोभी पंच-सरपंच के प्रखंड अध्यक्ष सरपंच डाॅ अशोक कुमार ने की. बताया गया कि जमीन सर्वे में वंशावली बनाने का अधिकार सरपंच को दिया गया, परंतु इसकी गाइडलाइन की जानकारी अभी तक नहीं दी गयी है. बैठक के पश्चात एक सर्वदलीय दल ने डोभी बीडीओ व बीपीआरओ से मिलकर विस्तार से वार्तालाप कर जानकारी देने का अनुरोध किया. इसपर बीडीओ व बीपीआरओ ने गुरुवार को प्रखंड के सभागार बैठक होगी.