बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमा परीक्षा की बाध्यता को समाप्त करके बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर उतर गए. बुधवार को एक तरफ जहां विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा था तो वहीं दूसरी ओर हजारों की संख्या में नियोजित शिक्षक सड़क पर उतर गए. गर्दनीबाग धरानस्थल पर पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन किया और उसके बाद विधानमंडल के घेराव का ऐलान कर दिया गया. ये शिक्षक उपमुख्यमंत्री से मिलने भाजपा कार्यालय पहुंचे और उसके बाद वहीं पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. नियोजित शिक्षकों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ गया. वहीं दूसरी ओर सरकार ने इन शिक्षकों की मांग के समाधान का रास्ता भी निकालना शुरू किया है.
पटना में बिहार के हजारों नियोजित शिक्षक आंदोलन के लिए जमा हो गए. पुलिस प्रशासन ने भी इसे लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. गर्दनीबाग में लोहे का गेट पुलिस ने बंद कर दिया था. प्रदर्शनकारियों की संख्या और उनके तेवर इस तरह के थे कि पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर थी. जब भाजपा कार्यालय का घेराव करने ये शिक्षक पहुंच गए तो लाठीचार्ज की नौबत भी आयी. शिक्षकों की भीड़ को तितर-बितर किया गया. 10 शिक्षकों को नामजद तो 158 अज्ञात शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी का दर्जा मिले. दरअसल, पूरा विवाद शिक्षा विभाग के उस पत्र का है जिसमें नियोजित शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा लेने और तीन बार में अनिवार्य रूप से परीक्षा पास करने की बात कही गयी है. परीक्षा पास नहीं करने पर नौकरी गंवाने की बात सामने आने पर ये शिक्षक और उग्र हो गए. हालांकि सरकार की ओर से इसपर अंतिम मुहर लगना बांकि था.
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नियोजित शिक्षकों ने अपने आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर लिया है. दरअसल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से उन्हें आश्वासन मिला है कि उनकी नौकरी नहीं जाएगी. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि सरकार बीच का रास्ता निकालेगी. सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे नियोजित शिक्षकों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से सम्राट चौधरी गुरुवार को बातचीत करने वाले हैं. उन्हें आश्वासन मिला है कि आपकी मांग को लेकर सकारात्मक फैसला सरकार लेगी.
इधर, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विधानमंडल परिसर में बुधवार को कहा है कि नियोजित शिक्षक अगर सक्षमता परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे तो उनकी नहीं रहेगी, इसपर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. अभी शिक्षकों को घबराने की जरुरत नहीं है. शिक्षकों के पक्ष को सुना जाएगा. शिक्षक जिन बातों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उसपर अभी अंतिम फैसला लिया ही नहीं गया है.