Bihar Police Recruitment: बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है. जुलाई 2023 में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और NCL (नॉन क्रीमी लेयर) सर्टिफिकेट की मांग नहीं की गई थी. लेकिन अब जब परीक्षा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और परिणाम घोषित हो चुके हैं, तो CCC(कंप्यूटर साइंस सर्टिफिकेशन) ने अचानक इन सर्टिफिकेटों की मांग शुरू कर दी है, जो अभ्यर्थियों के लिए एक नई परेशानी बन गई है.
विज्ञापन में इन सर्टिफिकेटों का कोई जिक्र नहीं था
धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का आरोप है कि जब विज्ञापन जारी किया गया था, तो उसमें इन सर्टिफिकेटों का कोई जिक्र नहीं था. अभ्यर्थियों का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह से गलत है क्योंकि अब CCC द्वारा पूर्व की तारीख का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है, जो किसी भी तरह से न्यायपूर्ण नहीं है. इन सर्टिफिकेटों को लेने के लिए उम्मीदवारों को अतिरिक्त समय और प्रयास खर्च करना पड़ रहा है, जो पहले से पूरी परीक्षा प्रक्रिया को समाप्त कर चुके थे.
छात्र नेता दिलीप ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा
छात्र नेता दिलीप ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि पहले परीक्षा के पेपर लीक हो गए थे, जिसके कारण उसे रद्द कर दिया गया था. अब जब परीक्षा पुनः आयोजित की गई और हजारों अभ्यर्थी सफल हुए, तो अब CCC द्वारा EWS और NCL सर्टिफिकेट की मांग की जा रही है, जो न केवल अनुचित है, बल्कि अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन भी है.
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अभ्यर्थियों ने कर दी ये मांग
करीब 30,000 से 40,000 अभ्यर्थी इस बदलाव से प्रभावित हो रहे हैं, जो पहले से सभी मानकों को पूरा कर चुके थे. इन छात्रों ने अपनी आवाज़ उठाते हुए यह मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जाए और पुराने सर्टिफिकेट स्वीकार किए जाएं, ताकि उनके हक में कोई रुकावट न आए.