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Bihar Politics: पटना में बेघर हुए पशुपति पारस, खाली करना पड़ा सरकारी बंगला

Bihar Politics: पारस ने अपना बंगला खाली कर दिया. सवाल ये है कि पारस की पार्टी कहां से चलेगी. फिलहाल उनकी पार्टी का पटना में कोई कार्यालय नहीं है. दिल्ली में भी पारस के घर में कार्यालय होने की जानकारी दी जाती है. लेकिन पशुपति पारस की पार्टी का पूरे देश में कोई कार्यालय नहीं बचा.

Bihar Politics: पटना. पशुपति कुमार पारस के पास अब पटना में कोई ठिकाना नहीं बचा. मंत्री की कुर्सी गयी, सांसद भी नहीं रहे. पार्टी सिर्फ कागज पर सिमट कर रह गयी और आज पटना का सरकारी बंगला भी चला गया. पटना में लोक जनशक्ति पार्टी के दफ्तर के नाम पर अलॉट सरकारी बंगले पर पशुपति पारस का कब्जा था. सोमवार को पारस ने बंगला खाली कर दिया.

सरकार ने रद्द कर दिया था आवंटन

इस बंगले को बचाने के लिए पारस ने हर जतन किया. दिल्ली जाकर अमित शाह से गुहार लगाय़े. पटना हाईकोर्ट में रिट दायर की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अमित शाह ने उनका नोटिस नहीं लिया और हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले ही बंगला रहने देने की याचिका खारिज कर दी थी. बिहार सरकार ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को पटना में ऑफिस के लिए सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया हुआ है. 2005 में ही पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड के एक नंबर बंगले को लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस के लिए राज्य सरकार की ओर से अलॉट किया गया था.

13 जून को हुआ था आवंटन रद्द

बंगले का अलॉटमेंट दो साल के लिए होता है. हर दो साल के बाद सरकार अलॉटमेंट को और दो साल के लिए बढ़ाती है. पिछले लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी ने किसी सीट पर चुनाव ही नहीं लड़ा. नतीजतन उनकी पार्टी में ना कोई विधायक रहा औऱ ना सांसद. लिहाजा, उऩकी पार्टी की मान्यता समाप्त हो गयी. इसके बाद 13 जून 2024 को बिहार सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित बंगले का अलॉटमेंट रद्द कर दिया था. भवन निर्माण विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया था.

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