Bihar Politics: पटना. रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत कर शंकर सिंह ने महागठबंधन को तगड़ा झटका दिया है. निर्दलीय विधायक शंकर सिंह अब अपनी आगे की सियासी पारी जदयू के साथ मिलकर बढ़ा सकते हैं. शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने का फैसला किया है. जदयू के कुछ नेताओं के शंकर सिंह से संपर्क करने की खबर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में थी. इस बीच, रविवार को शंकर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने सीएम नीतीश को समर्थन देने का फैसला लिया है. शंकर सिंह जल्द ही आधिकारिक रूप से जदयू के मंच पर दिख सकते हैं. मौजूदा समय में जदयू के कुल 47 विधायक हैं. शंकर सिंह के आने से विधानसभा चुनाव में सीमांचल के इलाके में जदयू को मजबूती मिलेगी.
नीतीश कुमार मेरे लिए आदरणीय
रुपौली से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले शंकर सिंह ने कहा कि उनकी जीत जनता की जीत है और इस जीत पर सबसे पहला हक रुपौली की जनता का है. चुनाव जितने के बाद सबसे पहली प्राथमिकता रुपौली के विकास की है, जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करूंगा और क्षेत्र के विकास के लिए मदद की मांग करूंगा. ताकि जनता को किया हुआ वादा निभा सकूं. जदयू में जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार हमारे लिए आदरणीय है और मैं उनका काफी सम्मान करता हूं. नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिए काफी काम किया है. मैं उनके विकास कार्यों से काफी प्रभावित हूं. मैं साफ-साफ कहता हूं कि मैं नीतीश कुमार को समर्थन दूंगा.
बीमा के जाने के बाद जदयू को थी विकल्प की तलाश
रुपौली से बीमा भारती जदयू प्रत्याशी के तौर पर पिछले कुछ चुनावों से लगातार सफल हो रही थी. वर्ष 2020 में भी रुपौली में बीमा ने जदयू के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन, इसी वर्ष जब सीएम नीतीश ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आने का फैसला लिया तो बीमा भारती ने विद्रोही तेवर दिखाए. बाद में वह जदयू छोड़कर राजद में चली गई. साथ ही विधानसभा सदस्यता भी छोड़ दी. अब शंकर सिंह के जदयू के साथ आने से रुपौली में सीएम नीतीश की पार्टी पहली की तरह ही मजबूत होगी. साथ ही रुपौली सहित पूरे पूर्णिया के इलाके में शंकर सिंह के रूप में सीएम नीतीश को एक मजबूत साथी मिल सकता है.