बिहार में आपातकालीन सेवा इआरएसएस डायल-112 की स्थापना के विगत दो वर्षों में बिहार इन पर आने वाले कॉल की हैंडलिंग के मामले में दूसरे, जबकि रिस्पांस टाइम के मामले में देश में 7वें स्थान पर पहुंच गया है. इसके माध्यम से अब तक करीब 20 लाख नागरिकों को सेवा पहुंचाई गयी है.
डायल 112 की मदद से हर दिन 1833 चार पहिया व दो पहिया पुलिस वाहन औसतन मात्र 20 मिनट के रिस्पांस टाइम में घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.शुक्रवार को बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी (तकनीकी सेवाएं व वायरलेस) निर्मल कुमार आजाद ने बताया कि डायल-112 को संपूर्ण बिहार राज्य के नागरिकों के लिए एकल पुलिस हेल्प लाइन एवं इमरजेंसी हेल्प लाइन नंबर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे पुलिस संबंधी कोई भी घटना का एक ही नंबर ””डायल 112”” से निराकरण हो सकेगा. एक माह के अंदर नागरिक केंद्रित पुलिसिंग के अंतर्गत आमजनों को अधिकतम सेवाएं एक ही नंबर डायल-112 के माध्यम से मिलने लगेगी.
दूसरे चरण में 1586 एंबुलेंस व 805 अग्निशमन वाहन भी डायल 112 से जुड़े
एडीजी ने बताया कि दूसरे चरण में डायल 112 की आपातकालीन सेवा संपूर्ण राज्य में उपलब्ध हो गयी है. पहले चरण में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों एवं पटना जिला के संपूर्ण क्षेत्रों में 400 चार पहिया पुलिस वाहनों के साथ यह सेवा शुरू हुई थी. दूसरे चरण में फरवरी 2024 में इससे 883 चार पहिया वाहन एव 550 दो पहिया वाहन जोड़े गये. दूसरे चरण में 1586 एंबुलेंस सेवा एवं 805 अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी इस व्यवस्था में एकीकृत किया गया है. पूरे बिहार के नागरिक अब आपातकालीन स्थिति में 112 डायल कर पुलिस, एंबुलेंस, अग्निशमन सेवा एवं अपराध नियंत्रण के लिए एकीकृत सेवा ले रहे हैं.
प्रत्येक कॉलर से फीडबैक की सुविधा जल्द
एडीजी श्री आजाद ने बताया कि डायल-112 के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में आम नागरिकों से फीडबैक प्राप्त करने हेतु आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है. इसके बाद मिलने वाले फीडबैक के आधार पर डायल 112 के सभी सेवाओं को और अधिक उत्कृष्ट बनाया जा सकेगा एवं नागरिकों के शिकायतों का शत-प्रतिशत निवारण किया जा सकेगा. फिलहाल हर दिन करीब पांच हजार लोगों तक सेवा पहुंचाई जा रही है. वहीं, इस साल 15 लाख, जबकि अगले साल 18 से 20 लाख लोगों तक सेवा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
डायल 112 पर सुने गये मामले
स्थानीय विवाद/मारपीट/हिंसात्मक झड़प आदि से संबंधित सूचना – 10,59,782
घरेलू हिंसा, महिला अपराध एवं बच्चों से संबंधित सूचना – 1,80,817
यातायात/दुर्घटना से संबंधित सूचना-81,268
अग्निकांड से संबंधित – 71,994मधनिषेध से संबंधित सूचना – 71,501