बिहार में सभी नदियां उफान पर हैं. गंगा नदी गुरुवार को पटना के गांधी घाट व भागलपुर जिले के कहलगांव में लाल निशान पार कर सकती है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पटना के दीघा घाट पर गंगा का जल स्तर बुधवार की सुबह छह बजे खतरे के निशान से 91 सेंमी नीचे था. इसमें 13 सेंमी वृद्धि की संभावना है.
हाथीदह और कहलगांव में गंगा
वहीं, गांधी घाट पर गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 25 सेंमी नीचे था. इसमें गुरुवार की सुबह आठ बजे तक 30 सेंमी की वृद्धि होने की संभावना है. हथिदह में गंगा का पानी खतरे के निशान से 38 सेंमी व कहलगांव में 55 सेंमी नीचे थी. इसमें गुरुवार की सुबह क्रमश: 16 सेंमी व 88 सेंमी वृद्धि की संभावना है.
सीतामढ़ी में बागमती और खगड़िया में कोसी नदी लाल निशान के पार
बुधवार को सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर में बागमती नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 84 सेंमी व मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में 70 सेंमी ऊपर था. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 33 सेंमी ऊपर था.
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भद्रघाट पर गंगा मंदिर के पास पहुंचा पानी, पूजा-अर्चना व आरती में परेशानी
गंगा नदी का पानी बुधवार को भद्र घाट पर स्थित गंगा मंदिर के पास पहुंच गया है. इसके कारण मंगलवार को चबूतरे पर आरती करायी गयी. भद्र घाट मां गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार का कहना है गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर से पूजा-अर्चना व गंगा आरती में परेशानी हो रही है. हर मंगलवार को यहां गंगा आरती होती है. स्थिति यह है कि कंगन घाट की सीढ़ियों पर और पानी चढ़ गया है. महावीर घाट की सीढ़ियां भी पानी में डूब गयी हैं.लोगों का कहना है कि गंगा के पानी में हो रही वृद्धि पर नजर रख रहे हैं.
बाढ़ की आशंका से सहमे दियारावासी
गंगा नदी में उफान से दियारे की सात पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इससे गंगा नदी से सटे गांवों के लोग डरे-सहमे हुए हैं. बताया जा रहा है कि दियारे के हेतनपुर में सोन सोता में गंगा नदी का पानी प्रवेश करने लगा है, जिससे यहां के लोग परेशान हैं. बुधवार को बाढ़ नियंत्रण द्वारा देवनानाला पर 163 फुट गंगा का जल स्तर नापा गया, जो खतरे के निशान से मात्र पांच फुट नीचे बह रहा है. बता दें कि दियारे की सात पंचायतें चारों तरफ गंगा नदी से घिरी हैं, जिससे वहां के लोगों को रोजमर्रा के सामान लेने के लिए दानापुर बाजार आना पड़ता है, जिनका एक ही सहारा नाव है. विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि गंगा नदी का जल स्तर धीरे-धीरे घट रहा है.
कररुआ नदी के पानी के दबाव से चमंडी गांव में पुलिया धंसी
कररुआ नदी पानी बढ़ने से धनरूआ प्रखंड के चमंडी गांव स्थित पइन पर बनी 15 वर्ष पुरानी पुलिया धंस गयी. इससे करीब छह गांवों के किसानों का खेतों से संपर्क टूट गया. चमंडी गांव स्थित उक्त पइन सिम्हाड़ी खुर्द से शुरू होकर बांसबिगहा, छाती, सिग्रामपुर समेत करीब छह गांवों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. इसी पइन के पानी से किसान खेतों की सिंचाई करते हैं. किसान अब खेतों में न तो ट्रैक्टर ले जा सकते हैं और न ही पावर टेलर या मोटर. किसानों का खेतों में पैदल जाना भी मुश्किल हो गया है. धनरूआ की बीडीओ सीमा कुमारी ने बताया कि पुलिया बहुत पुरानी थी. फिलहाल उसके धंसने की जानकारी लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दे दी गयी है. जल्द संबंधित अधिकारी इसका निरीक्षण कर पुलिया पुनर्निर्माण की दिशा में काम करेंगे.