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Bihar Special Status: बिहार में विशेष राज्य की ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’, जदयू नेता के बयान पर सियासत तेज

Bihar Special Status: मोदी सरकार के तीसे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को आने वाला है. इससे ठीक पहले जनता दल यूनाइटेड ने बिहार को स्पेशल स्टेटस देने की मांग का राग छेड़ दिया है. इस मुद्दे को लेकर सियासत तेज हो गई है. विजय सिन्हा का कहना है कि बिहार को कोई दिक्कत नहीं होगी जो पहल करना होगा किया जाएगा.

Bihar Special Status: पटना. लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय आम बजट पेश होने वाला है. इससे पहले बिहार में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स भी हो रही है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की जदयू की पुरानी मांग फिर से जोर पकड़ी है. जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने केन्द्र से यह अपेक्षा व्यक्त की है कि वह बिहार को विशेष दर्जा या विशेष पैकेज दे ताकि बिहार विकास की अपनी रफ्तार और तेज कर सके. देश के विकसित राज्यों के समकक्ष खुद को खड़ा कर सके. जेडीयू की इस मांग को अब तक बीजेपी खारिज करती आ रही है, लेकिन इस बार भाजपा के लिए इसे खारिज करना मुश्किल हो रहा है. सम्राट चौधरी भी दिल्ली में निर्मला सीतारमण के सामने बिहार को अधिक राशि मिलने का प्रस्ताव रख दिया है.

इस बार बजट में मिल सकता है विशेष

इस बार संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाला है. इस सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. जदयू ने एक बार फिर केंद्र के सामने यह मुद्दा उठाया है. 29 जून को दिल्ली में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मांग उठी थी. बाकायदा जदयू ने इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया था कि विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज मिलने पर बिहार के विकास की गति और तेज होगी. नीतीश कुमार के काफी करीबी और जेडीयू के नये राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने कहा है कि हमारी पार्टी केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की मांग को जोरदार तरीके से रखेगी.

जदयू की यह पुरानी मांग

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिला और परिस्थिति ऐसी नहीं बनी तो कम से कम विशेष पैकेज मिलना चाहिए. हम लोग विशेष पैकेज या विशेष राज्य के दर्जे की मांग जरूर करेंगे. अब जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने यह मांग दोहरायी है. विजय चौधरी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की आवश्यकता है. इसका कारण है कि बिहार के पास प्राकृतिक संसाधनों की कमी है. इसके ऐतिहासिक और भौगोलिक कारण हैं. हमारे यहां न तो खदानें हैं और ना ही समुद्री तट.

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मांग के पीछे पुख्ता आधार

उन्होंने कहा कि बिहार अपने सीमित संसाधनों के बलबूते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तेजी से विकास कर रहा है. नीतीश कुमार ने यह दिखा दिया है कि कम संसधान के बावजूद हमारा राज्य तरक्की की रफ्तार के मामले में किसी विकसित राज्य से कम नहीं हैं. इसके बावजूद बिहार गरीब बना हुआ है. यही कारण है कि हमलोग विशेष दर्जा अथवा पैकेज की मांग कर रहे हैं. यही हमारी मांग का आधार है. बिहार को केंद्र सरकार से विशेष मदद की जरूरत है. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा है कि बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग लंबे समय से रही है. यह मांग सिर्फ सत्ता पक्ष की नहीं बल्कि, जनता की रही है. बिहार सरकार ने भी विधानमंडल के दोनों सदनों से इसका प्रस्ताव पारित कर तत्कालीन यूपीए सरकार को भेजा था.

केंद्र को भी बिहार की चिंता

केंद्र के बजट से पहले जदयू जिस तरह से बिहार के विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा उठा रही है इसको लेकर विजय सिन्हा ने साफ साफ कहा कि बिहार की चिंता केंद्र में बैठे हुए लोगों को भी है और निश्चित तौर पर बिहार के लिए बहुत कुछ केंद्र सरकार करना चाहती है. पहले भी विशेष पैकेज के तहत कई कार्य बिहार के हुए हैं और इस बार भी बिहार को उम्मीद से ज्यादा मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है, तो कुछ से कुछ बोलते रहते हैं. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम लोग सरकार में हैं और उनका जो बिहार विकास का संकल्प है उसके तहत काम हो रहा है और आगे भी होता रहेगा.

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