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Bihar Teacher: केके पाठक के बाद अब शिक्षक एस सिद्धार्थ से भी नाराज, इस आदेश का कर रहे विरोध

Bihar Teacher: बिहार में स्कूल टीचरों की नाराजगी ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर है. शिक्षकों का कहना है कि जब उन्होंने पोर्टल खोला तो किसी का आईडी पासवर्ड इनवैलिड बता रहा था तो किसी के मोबाइल पर पोर्टल नहीं खुल रहा था.

Bihar Teacher: पटना. बिहार में स्कूल टीचरों की नाराजगी कम नहीं हो रही है. केके पाठक के जाने के बाद अब नये अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ का भी शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. इस बार शिक्षकों की नाराजगी ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर है. बिहार शिक्षा विभाग की तरफ से सभी सरकारी टीचरों को 25 जून से ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सुबह जब शिक्षकों ने पोर्टल खोला तो किसी का आईडी पासवर्ड इनवैलिड बता रहा था तो किसी के मोबाइल पर पोर्टल नहीं खुल रहा था. सर्वर काम नहीं करने के कारण बड़ी संख्या में शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बना पाये.

टैब या एंड्रॉइड फोन उपलब्ध कराए सरकार

शिक्षकों का कहना है कि अभी इसमें कई तकनीकी खामियां हैं. इसको अनिवार्य बनाने से पहले कुछ दिन वैकल्पिक रखा जाये. शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने विभाग के निर्देशानुसार ई-शिक्षा कोष एप मोबाइल में डाउनलोड किया. विभाग से मिले यूजर आईडी पासवर्ड डाला. लॉगिन करने के बाद मार्क अटेंडेंस का ऑप्शन आ रहा है, जिसे क्लिक करने पर लोकेशन बताए और इस लोकेशन पर अपने विद्यालय एवं फोटो के साथ क्लिक करना है, लेकिन जब पोर्टल खोला तो उनके विद्यालय का लोकेशन गलत बता रहा था. इस वजह से अधिकतर शिक्षकों ने ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनाया. उन्हें पुरानी विधि से रजिस्टर पर हाजिरी बनानी पड़ी. विभाग को इसकी जानकारी दे दी गयी है. ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिक्षक संघ के साथ-साथ राज्यभर के शिक्षकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. इन लोगों का कहना है कि शिक्षकों को बगैर टैब या एंड्रॉइड फोन उपलब्ध कराए ही ई-शिक्षा कोष पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की अनिवार्यता लागू करना बिल्कुल गलत है.

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कम से कम एक शिक्षक को करना लॉगिंन

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की यह प्रक्रिया फिलहाल परीक्षण के तौर पर शुरू की जा रही है. इसके लिए प्रत्येक विद्यालय के कम से कम एक शिक्षक को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की बात कही गई है. इसके साथ ही सभी शिक्षक पहले की तरह ही ऑफलाइन उपस्थिति भी रजिस्टर में बनाएंगे. अगर किसी विशेष विद्यालय से एक भी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज नहीं होती है, तो उस विद्यालय को बंद मानते हुए सभी शिक्षकों को अनुपस्थित माना जायेगा. इस संबंध में बांका जिला शिक्षा पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया है कि तीन महीने तक शिक्षकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्तर पर उपस्थिति दर्ज करानी है. यदि किसी शिक्षक या प्रधानाध्यापक को परेशानी है तो वे जिला शिक्षा कार्यालय में संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी या कोषांग से संपर्क कर सकते हैं.

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