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जीएसटी संग्रह में 18 फीसदी वृद्धि के साथ बिहार देश में अव्वल : सुशील मोदी

शुद्ध जीएसटी के संग्रह में बिहार 2019-20 में 18 प्रतिशत के साथ देश में सर्वाधिक वृद्धि हासिल करनेवाला राज्य बन गया है. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत विगत साल 10,755 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था, जबकि इस साल यह संग्रह बढ़ कर 12,640 करोड़ हो गया है. इसी प्रकार विपरीत हालात के बावजूद वाणिज्य कर, निबंधन, परिवहन और खनन विभागों के कुल संग्रह में भी पिछले वर्षों की तुलना में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है.

पटना : शुद्ध जीएसटी के संग्रह में बिहार 2019-20 में 18 प्रतिशत के साथ देश में सर्वाधिक वृद्धि हासिल करनेवाला राज्य बन गया है. यह जानकारी उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत विगत साल 10,755 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ था, जबकि इस साल यह संग्रह बढ़ कर 12,640 करोड़ हो गया है. इसी प्रकार विपरीत हालात के बावजूद वाणिज्य कर, निबंधन, परिवहन और खनन विभागों के कुल संग्रह में भी पिछले वर्षों की तुलना में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है.

मोदी ने बताया कि वाणिज्य कर का 2018-19 की 22,656.79 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 26,407.53 करोड़ संग्रह हुआ है, जो पिछले वर्ष से 16.5 प्रतिशत अधिक है. इसमें जीएसटी, बिजली अधिभार, पेशागत कर, पेट्रोलियम पदार्थों पर लगनेवाला कर तथा वैट के दौर के बकाये करों की वसूली भी शामिल हैं.

परिवहन विभाग ने 2018-19 की 2085.94 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 2612 करोड़ कर का संग्रह कर सर्वाघिक 25.22 प्रतिशत की वृद्धि हासिल किया है. निबंधन विभाग का संग्रह विगत वर्ष 4188.61 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 4422.0 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष से 5.57 प्रतिशत अधिक है. निबंधन विभाग के अंतर्गत 250 करोड़ और अतिरिक्त संग्रह की संभावना है. खनन विभाग का कर संग्रह पिछले वर्ष 1560.65 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 1611.0 करोड़ रहा है.

वाणिज्य कर विभाग सहित कर संग्रह करनेवाले निबंधन, परिवहन और खनन विभाग के सभी कर्मियों को बधाई देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में बिहार में दो-दो बार आयी बाढ़, काफी बड़े क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और ओलावृष्टि से हुई भारी क्षति के बावजूद कर संग्रह में वृद्धि हासिल करना सराहनीय है. परंतु, कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के बाद कर संग्रह की दृष्टि से अगला वर्ष काफी कठिन रहनेवाला है.

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