Bihar weather: पटना. मानसून का अनिश्चित बर्ताव अगर समाप्त नहीं हुआ, तो राज्य में सूखे के हालत पैदा हो जायेंगे. करीब आधा जुलाई बीत चुका है, लेकिन अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. सबसे चिंताजनक स्थिति उस उत्तरी बिहार में देखी जा रही है. इस क्षेत्र के करीब 19 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है. इनमें से भी 14 जिले ऐसे हैं, जहां 25 से 47 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी है. यहां एक तरह से सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. जानकारों के अनुसार बाढ़ के लिए पहचाने जाने वाले उत्तरी बिहार में ऐसे हालात कभी-कभार ही देखे जाते हैं. सिंचाई के कृत्रिम साधनों से हो रही खेती के कारण किसानों पर आर्थिक भार सामान्य से कई गुना बढ़ता जा रहा है.
खेती के लिहाज से बेहद संकटपूर्ण स्थिति
आइएमडी की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी बिहार के समस्तीपुर में सामान्य से 47 % कम, सहरसा में सामान्य से 46%, सारण में सामान्य से 45%, वैशाली में सामान्य से 44 %, मधुबनी में सामान्य से 45 %, मधेपुरा में सामान्य से 40 % , दरभंगा में सामान्य से 43 %, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में सामान्य से 35%, भागलपुर में सामान्य से 31 %, पूर्णिया और सुपौल में सामान्य से 30 %, मुंगेर में सामान्य से 29 % और कटिहार में सामान्य से 26 % कम बारिश दर्ज की गयी है. ये सभी जिले खेती के लिहाज से बेहद संकटपूर्ण स्थिति में माने जा रहे हैं. इसके अलावा पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, नालंदा, और गोपालगंज जिले में सामान्य से 25 % से कम बारिश हुई है.
दक्षिणी बिहार की स्थिति ठीक
सामान्य तौर पर दक्षिणी बिहार उत्तरी बिहार की तुलना में अभी कुछ ठीक स्थिति में है. भभुआ, पटना और रोहतास में बारिश सामान्य से 40 % कम दर्ज की गयी है. बक्सर, भोजपुर, जमुई, जहानाबाद, शेखपुरा, बांका और औरंगाबाद में बरसात सामान्य से कुछ कम दर्ज की गयी है. पूरे राज्य में मॉनसून सीजन में होने वाली कुल बारिश का अभी तक केवल 25 प्रतिशत ही बारिश हुई है. हालांकि, बरसात का वितरण बेहद असमान है. राज्य में 18 जुलाई तक केवल 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है, जो कि इस तिथि तक होने वाली कुल बरसात से 19 प्रतिशत कम है. राज्य में केवल किशनगंज, अरवल,अररिया,नवादा, शिवहर, सिवान और पश्चिमी चंपारण ही वे जिले हैं, जहां सामान्य से कुछ अधिक बारिश दर्ज की गयी है.
जून में 52 प्रतिशत कम बरसा पानी
- 1- जून में केवल किशनगंज के पास दस्तक देने के बाद करीब 20 दिन बाद मानसून का प्रवेश करीब 20 जून को राज्य भर में हुआ. इसके बाद तीन दिन का और ड्राइ स्पैल रहा. इस तरह मानसून सीजन के इस पहले माह सामान्य से 52 प्रतिशत कम यानी 78.9 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज हुई.
- 2- जुलाई में अब तक 220 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है. हालांकि, 14 जुलाई से अभी तक पांच दिनों में केवल डेढ़ मिलीमीटर बारिश हुई है. इस दौर के अभी करीब तीन से चार दिन और चलने की संभावना है.