Bihar Winter Session: पटना. बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन जमीन सर्वे को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ. सदस्यों ने जमीन सर्वे का मुद्दा उठाया. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने इसका जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि बहुत से जगहों का खाता-खतियान काफी पुराना हो गया है. इसलिए समस्या आ रही है. इसको जल्द दूर कर लिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि बिहार में जमीन का विवाद बहुत पुराना है. जो समस्या बताई जा रही है. उसको लेकर काम किया जा रहा है. बिहार में सर्वे का काम पूरा हुआ तो जमीनी विवाद बिहार से खत्म हो जाएगा. इसको लेकर पूरा वर्क आउट किया जाएगा. किसी तरह कि कोई समस्या नहीं रहेगी. इसको लेकर हमलोग काम कर रहे हैं.
भ्रष्टाचार के आरोप पर गुस्साये मंत्री
इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने जमीन सर्वे के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा. सदस्यों ने कहा कि प्रखंड में जो सीओ दफ्तर है, उसके अंदर सबसे अधिक गलत काम किए जा रहे हैं. इसको लेकर सरकार क्या कर रही है. इससे गरीब जनता काफी परेशान है. सदन में सदस्यों के इस बयान पर विभागीय मंत्री का गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया. मंत्री ने कहा कि मेरा मुंह मत खोलवाइए. सदन में मेरा मुंह खुल गया तो बड़ी दिक्कत हो जायेगी. एक ईमानदार मंत्री आपके सामने हैं. मैं भोरोसा दिलवाता हूं कि सब सही कर दूंगा.
रैयतों को उपलब्ध कराया जायेगा दस्तावेज
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने भूमि सर्वेक्षण का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भले ही सरकार की ओर से कहा जा रहा हो कि बिहार में सर्वेक्षण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 से आम लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि रजिस्टर टू में कई भूमि धारक के नाम दर्ज नहीं है. इससे राज्य की जनता परेशान है. उन्होंने कहा कि विभाग सिर्फ फाइलों में आंकड़े जुटा रहा है. मंत्री ने कहा कि कई जगहों का खतियान काफी पुराना होने के कारण और दीमक लग जाने के कारण बर्बाद होने की बात सामने आ रही है. इस कारण सही खाता खेसरा नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से उसमें रोक लगाया गया है. अब रैयतों को पहले दाखिल खारिज का कागज उपलब्ध कराया जाएगा उसके बाद सर्वे किया जाएगा.
किसी रैयत को कोई परेशानी नहीं होगी
भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि सरकारी जवाब यही हो सकता है. यानी सर्वेक्षण से किसी प्रकार के परेशानी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जो सर्वे कराया जाए यह सीएम नीतीश का सपना है. बिहार के थानों में करीब 37 फीसदी मामले जमीन के ही हैं. कोर्ट में दादा केस करते हैं और पोता तक केस लड़ते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने एक साहसिक कदम उठाया. इसलिए अगर यह सर्वे हो जायेगा तो कई तरह की जमीन की समस्या खत्म हो जाएगी. बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में सर्वे हो चुका है, लेकिन बिहार में यह काम शेष है. मंत्री ने कहा कि लोगों को सर्वे से कई किस्म की परेशानी हुई है. इसलिए 3 महीने का समय सर्वे के लिए बढ़ाया गया. इससे 47 लाख लोगों ने सेल्फ घोषणा की है. इसे जल्द ही जारी करा दिया जायेगा. मंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश के आदेश का पालन भी होना है. जनता को दिक्कत भी नहीं होना है और सर्वे भी होना है.