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Black Fungus: मास्क लगाने के दौरान ना करें ये लापरवाही! कोरोना से बचाव के बदले ब्लैक फंगस को देता है आमंत्रण, जानें सलाह

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रही है. बिहार में रिकवरी रेट 95% के पार तो संक्रमण दर दो फीसदी से नीचे आ गयी है. वहीं कोरोना संक्रमण के बाद अब लोग ब्लैक फंगस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं. सरकार अब ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर तैयारी तेज कर रही है. पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है. इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है और मौतों की संख्‍या में भी इजाफा हो रहा है. वहीं ब्लैक फंगस के नये-नये लक्षणों ने डॉक्टरों की समस्याएं भी बढ़ा दी है. लोगों के द्वारा पहने जा रहे मास्क भी इस बीमारी का एक कारण बन रहा है. मास्क की गंदगी भी लोगों को इस संक्रमण की चपेट में ले रहा है.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रही है. बिहार में रिकवरी रेट 95% के पार तो संक्रमण दर दो फीसदी से नीचे आ गयी है. वहीं कोरोना संक्रमण के बाद अब लोग ब्लैक फंगस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं. सरकार अब ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर तैयारी तेज कर रही है. पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है. इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है और मौतों की संख्‍या में भी इजाफा हो रहा है. वहीं ब्लैक फंगस के नये-नये लक्षणों ने डॉक्टरों की समस्याएं भी बढ़ा दी है. लोगों के द्वारा पहने जा रहे मास्क भी इस बीमारी का एक कारण बन रहा है. मास्क की गंदगी भी लोगों को इस संक्रमण की चपेट में ले रहा है.

ब्लैक फंगस के रोगियों में नये लक्षण मिलने से डॉक्टर भी असमंजस में हैं. खासतौर पर ऐसे रोगी जो कोरोना संक्रमित हैं और उन्हें ब्लैक फंगस हुआ है. दरअसल शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए संयुक्त डॉक्टरों की ओपीडी सेवा शुरू की गयी है. दो दिन के अंदर कुछ ऐसे मरीज रिपोर्ट कर रहे हैं, जिनके शरीर में फंगस फैला है. मुंह में छाले आ गये हैं और सीने व गर्दन पर भी दाने दिखाई दे रहे हैं. आइजीआइएमएस में ओपीडी की शुरुआत होने के दो दिन के अंदर इस तरह के लक्षण वाले पांच मरीजों को भर्ती किया गया है. इतना ही नहीं शहर के एम्स और पीएमसीएच में भी इस तरह के केस देखने को मिल रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक फंगस के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस IGIMS में फार्माकोलॉजी के विभागाध्यक्ष की मानें तो अगर मास्क को बिना धोए-सुखाए अधिक दिनों तक पहना जाता है तो उससे ब्लैक फंगस समेत कई तरह के इंफेक्शन के चपेट में आने का खतरा रहता है. उन्होंने बताया कि हमारे वातावरण में मौजूद ब्लैक-व्हाइट जैसे फंगस थूक व बारिश से गीले हुए मास्क को अपना ठिकाना बना सकते हैं. इसके जरिये लोगों के मुंह और नाक के द्वारा शरीर में प्रवेश कर फंगस अपना शिकार बना सकता है.

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मास्क और हाइजीन का पालन अभी करना बेहद जरुरी है. मास्क पहनने से पहले लोगों को अपने हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करना चाहिए. मास्क लगाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मास्क ढीला नहीं हो. साफ मास्क एक बार पहनने पर उसे घर आने तक उतारना नहीं चाहिए. मास्क उतारने के बाद उसे बिना धोए और अच्छे से सुखाए बिना नहीं पहनना चाहिए. बारिश वगैरह में मास्क गीला हो जाए तो उसे अच्छे से धोकर और पूरी तरह सुखाकर ही पहनना चाहिए.

बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्‍या बिहार में लगातार बढ़ रही है और मौतों की संख्‍या में भी इजाफा हो रहा है. पटना आइजीआइएमएस में ब्लैक फंगस से मरने वालों का आंकड़ा आठ पर पहुंच गया है. वहीं, आइजीआइएमएस में 13 नये केस भी सामने आये और इसके साथ ही अस्पताल में ब्‍लैक फंगस के कुल 84 मामले आ चुके हैं. सभी का इलाज चल रहा है. ब्लैक फंगस से बचाव तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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