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BPSC पेपर लीक: सरगना पिंटू को दबोचने की कार्रवाई तेज, भागलपुर व मुंगेर समेत अन्य जिलों तक पहुंची SIT

बीपीएससी पीटी पेपर लीक (BPSC Paper Leak) मामले में इओयू ने अब धरपकड़ तेज कर दी है. पहली बार किसी गिरोह का खुलासा किया गया है जो इस धांधली में शामिल है. वहीं गिरोह के सरगना को दबोचने के लिए एसआइटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.

बीपीएससी पीटी पेपर लीक (BPSC PPT Paper Leak) मामले में इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की एसआइटी की जांच लगातार जारी है. ईओयू ने जिस गिरोह का खुलासा किया है उसके सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव की तलाश जारी है. कई जगहों पर उसे दबोचने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. वहीं इस गिरोह के पांच और सदस्यों को पकड़ने के लिए एसआइटी सक्रिय है.इओयू को कुछ और नामों के बारे में पता चला है जो इस धंधे में लिप्त हैं.

सरगना पिंटू को दबोचने ताबड़तोड़ छापेमारी

सरगना पिंटू की टोह लेने के लिए सोमवार को कई स्थानों पर पूछताछ और छापेमारी की गयी, लेकिन उसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. माना जा रहा है कि वह बिहार छोड़कर फरार हो चुका है. लेकिन, कहां गया है, इसकी जानकारी ली जा रही है. इसी क्रम में पिंटू के बांका से जुड़े एक लिंक का पता चला. टीम ने वहां पहुंच कर भी जांच-पड़ताल की.

मुंगेर व भागलपुर में छापेमारी

पिंटू मूल रूप से मुंगेर जिले का रहने वाला है. उसके घर से भी खास सूचना नहीं मिली है. इसके अलावा प्रश्नपत्र सॉल्वर व कृषि विभाग में सहायक राजेश कुमार के पैतृक घर भागलपुर में भी टीम ने छापेमारी की और कई पहलुओं पर पड़ताल की. राजेश भागलपुर जिले के सजौर थाना के जगरनाथपुर गांव का रहने वाला है. उसके कई परिचित एवं आसपास के लोगों से भी टीम ने काफी देर तक पूछताछ की है.

बैंक खाते से निकलेगा राज

रविवार को राजेश कुमार समेत चार प्रमुख आरोपितों के पास से करीब एक दर्जन बैंक खाते मिले हैं. इनमें छह खाते अकेले आइसीआइसीआइ बैंक के ही मिले हैं, जिनमें 12 लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं. इसके अलावा दूसरे बैंकों के भी करीब छह अलग-अलग खाते मिले हैं. इन सभी खातों में पैसे के तमाम ट्रेल या अब तक हुए तमाम ट्रांजेक्शन की बारीकी से जांच शुरू हो गयी है, ताकि पैसे के लेन-देन के पूरे लिंक का पता चल सके.

एक्सपर्ट टीम के साथ जांच पड़ताल

बैंक खाते के ट्रांजेक्शन के आधार पर यह तय हो जायेगा कि कितनी संख्या या किन-किन लोगों से परीक्षा पास कराने या सेटिंग के लिए पैसे लिये गये थे. साथ ही प्रति अभ्यर्थी कितनी राशि की डिमांड थी और इसमें एडवांस के तौर पर कितने रुपये वसूले जा चुके थे. इओयू की पूरी एक्सपर्ट टीम इसकी जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. पैसे के पूरे लेनदेन की जानकारी मिलने के बाद इस गैंग में जुड़े सभी लोगों के बारे में खुलासा हो जायेगा.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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