Bihar News: बिहार में कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे के बाद अब बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण होना तय हो गया है. केंद्रीय बजट 2025-26 में इस परियोजना को स्पष्ट रूप से शामिल कर लिया गया है. इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे के रूट और संरचना को लेकर भी स्थिति साफ हो गई है. अब यह नया एक्सप्रेसवे तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) को अपग्रेड करके बनाया जाएगा, जिससे राज्य में हाईवे नेटवर्क और तेज़ होगा.
रूट में हुआ बदलाव, अब पटना होकर जाएगा एक्सप्रेसवे
शुरुआती प्रस्ताव में बक्सर-डुमरांव-पीरो-अरवल-जहानाबाद-नवादा-भागलपुर के रास्ते इस एक्सप्रेसवे को बनाने की योजना थी. लेकिन नए रूट प्लान के तहत अब इसे पटना, मोकामा और मुंगेर होते हुए भागलपुर तक ले जाया जाएगा. इसकी कुल लंबाई 360 किलोमीटर होगी.
नया मार्ग और अपग्रेडेशन की योजना
केंद्रीय बजट के अनुसार, इस परियोजना के लिए नया मार्ग विकसित करने के बजाय, पहले से मौजूद सड़कों को ही एक्सप्रेसवे में अपग्रेड किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, इस रूट का करीब 280 किलोमीटर हिस्सा पहले से ही फोरलेन है. केवल मोकामा से मुंगेर के बीच 78.5 किलोमीटर हिस्से को फोरलेन में अपग्रेड किया जाना बाकी है.
इन तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर आधारित होगा
बक्सर-आरा-पटना (NH-922, फोरलेन)
पटना से मुंगेर (NH-31, फोरलेन)
मुंगेर से भागलपुर (NH-33, फोरलेन)
एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी चुनौती: एक्सेस कंट्रोल सिस्टम
हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि इस बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे को एक्सेस कंट्रोल्ड बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. आमतौर पर एक्सप्रेसवे पर अनधिकृत प्रवेश रोकने के लिए सर्विस रोड, बाउंड्री वॉल और सीमित एंट्री-एग्जिट पॉइंट बनाए जाते हैं. लेकिन वर्तमान में जिन फोरलेन हाईवे को एक्सप्रेसवे में बदला जा रहा है, वे पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल नहीं हैं.
बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा बड़ा सुधार
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बनने से बिहार के पश्चिम से पूर्व की कनेक्टिविटी तेज और सुविधाजनक हो जाएगी. खासकर पटना, मोकामा और मुंगेर को सीधे जोड़ने से औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, लंबी दूरी की यात्रा में लगने वाला समय भी घटेगा.
ये भी पढ़े: पटना के नर्सिंग होम में डॉक्टर के ड्राइवर ने लगायी फांसी, जानिए वजह
अब देखना यह होगा कि सरकार इस एक्सप्रेसवे को एक्सेस कंट्रोल करने के लिए क्या योजनाएं लाती है. यदि यह पूरी तरह से एक्सप्रेसवे मानकों के अनुसार विकसित होता है, तो यह बिहार के सबसे महत्वपूर्ण हाईवे प्रोजेक्ट्स में से एक बन सकता है.