– गृह विभाग और बिहार पुलिस का दावा – भू-समाधान पोर्टल की प्रभावी मॉनिटरिंग से मामलों में आयी कमी संवाददाता, पटना बिहार में भूमि विवाद के कारण होने वाली हत्या की घटनाओं में कमी आयी है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में हुई कुल हत्याओं में 60 फीसदी हत्या भूमि विवाद के कारण दर्ज की गयी थी. 2023 में यह आंकड़ा घटकर करीब 47 फीसदी रह गया है. गृह विभाग और बिहार पुलिस ने भूमि विवाद के मामलों में हत्या की घटनाएं कम होने के पीछे भू-समाधान पोर्टल के माध्यम से इन मामलों की प्रभावी मॉनीटरिंग बताया है. मिले 65,804 आवेदनों में 51,789 मामलों का हुआ निबटारा गृह विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भू-समाधान पोर्टल पर राज्य के सभी 38 जिलों से अब तक कुल 65804 आवेदन मिले हैं. इनमें से लगभग 79 फीसदी यानी 51789 मामलों का अंतिम रूप से निबटारा कर दिया गया है. विभाग के मुताबिक कुल मिले आवेदनों में 63345 मामलों की पूर्ण, जबकि 2459 मामलों की आंशिक एंट्री की गयी. 5751 मामले प्रारंभिक स्तर पर निबटाये गये. लंबित मामलों में 242 मापी को के लिए निर्धारित किये गये हैं, जबकि 373 आवेदनों को विभिन्न कारणों से अस्वीकृत कर दिया गया है. शेष 4983 मामले निष्पादन को लेकर प्रक्रियाधीन हैं. थाना से लेकर जिला स्तर पर हो रही बैठकें विभाग ने बताया कि भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निबटारे को लेकर थाना से लेकर जिला स्तर पर नियमित बैठकें हो रही हैं. सीओ, सीआइ तथा थानाध्यक्ष की सह अध्यक्षता में प्रत्येक थाना में हर शनिवार को बैठक निर्धारित है. पिछले तीन माह में इस माध्यम से मिले करीब 16 हजार आवेदनों में से 11,365 आवेदनों का निबटारा कर दिया गया है. इसी प्रकार अनुमंडल स्तर पर हर 15 दिन में बैठक होती है. थाना स्तर पर मामले की सुनवाई नहीं हो पाने पर उसी आवेदन के आधार पर एसडीओ-एसडीपीओ मामले की सुनवाई करते हैं. अगर वहां भी मामले का निष्पादन नहीं हो पाता, तो उसकी सुनवाई जिला स्तर डीएम-एसपी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होती है. हर स्तर पर मिलने वाले आवेदनों को भू-समाधान पोर्टल पर अपलोड करना होता है, ताकि उस पर हो रही कार्रवाई की मुख्यालय स्तर पर भी मॉनीटरिंग हो सके. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में भूमि या संपत्ति के विवाद में 2021 में 1051, 2020 में 815, 2019 में 782, 2018 में 1016 और 2017 में 939 हत्याएं हुईं.
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