पटना. केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर चिराग के ‘आशीर्वाद यात्रा’ ने ब्रेक लगा दिया है. 5 जुलाई को चिराग अपने पिता रामविलास पासवान के जयंती पर बिहार में ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकाल रहे हैं. उनकी इस यात्रा पर पक्ष और विपक्ष की नजर है. सूत्रों का कहना है कि भाजपा चिराग के इस यात्रा के बाद अपना पत्ता खोलेगी कि वो किसके साथ है. पशुपति पारस के साथ या फिर चिराग के साथ. अपनी इसी रणनीति के कारण भाजपा ने 5 जुलाई तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार को भी कुछ दिनों के लिए टाल दिया है.
चाचा पशुपति से अनबन के बाद चिराग पहली बार बिहार आ रहे हैं. वे अपने पिता की कर्मभूमि और चाचा पशुपति के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से अपनी ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालेंगे. ‘आशीर्वाद यात्रा’ को लेकर चिराग और उनके समर्थक अपनी पूरी ताकत लगा दिया है. क्योंकि वो यह जानते हैं कि उनकी इस यात्रा से ही उनका राजनीतिक भविष्य भी तय होगा. इधर, भाजपा समेत बिहार की सभी राजनीतिक दल की भी इस यात्रा पर नजर है. सब यह देखना चाहते हैं कि चिराग पासवान में उनके पिता रामविलास पासवान वाली बात है कि नहीं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा भी चिराग के इस यात्रा के बाद ही अपना स्टैंड साफ करेगी और संभवत: चुनाव आयोग भी इसी के आसपास अपना फैसला सुनाएगी.
इधर, लोजपा नेता चिराग ने भी बदले राजनीतिक हालात में बिहार आने से पहले अहमदाबाद जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी भारतीय जनता पार्टी नेता से मुलाकात किया है. इस मुलाकात को भी राजनीतिक पंडित बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं. उनका कहना है कि चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा पार्टी में अलग-थलग कर दिए जाने के बाद भाजपा और खासकर पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चिराग ने दो टूक अपने विचार रखे हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि चिराग ने साफ कर दिया है कि भाजपा से अगर उन्हें बैकअप नहीं मिलता है तो अपने रुख पर पुनर्विचार हम भी करेंगे.
बहरहाल पांच जुलाई को पिता रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर चिराग हाजीपुर से अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. यह यात्रा उनका शक्ति परीक्षण भी होगा. पटना से हाजीपुर तक उनके स्वागत की जबरदस्त तैयारी की गई है. लोजपा के पूर्व विधायक राजकुमार साह की अध्यक्षता में मंगलवार को श्रीकृष्णापुरी स्थिति चिराग के आवास पर आयोजित बैठक में कार्यक्रम को सफल बनाने पर ज्यादा फोकस किया गया. लोजपा प्रवक्ता राजेश भट्ट का दावा है कि चिराग पासवान के बिहार आगमन पर शानदार स्वागत की तैयारी है. पटना एयरपोर्ट से हाजीपुर तक जगह-जगह पांच सौ तोरणद्वार बनाए जाएंगे, जबकि चिराग के काफिले में भी पांच सौ गाडिय़ां शामिल होंगी. इधर, भाजपा इस यात्रा को लेकर पूरी तरह से ‘वेट एंड वाच’ कर रही है कि बिहार की जनता चिराग पासवान को स्वीकारती है या नकारती है.