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होली के रंग में रंगे चिराग पासवान, पापा को याद कर हुए भावुक, चाचा और हाजीपुर को लेकर कही ये बात

लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के पटना स्थित कार्यालय में होली मिलन समारोह का आयोजन हुआ. जहां चिराग पासवान के परिवार और पार्टी के लोग मौजूद थे. इस दौरान चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए क्या कहा जानिए.

लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जमुई से सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार अपने परिवार और पार्टी के सदस्यों के साथ मंगलवार (26 मार्च ) को होली मनाई. होली मिलन का यह समारोह पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित किया गया था. जहां जमकर रंग-गुलाल उड़े. इस दौरान पत्रकरों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने अपने पिता को याद किया. इसके साथ ही उन्होंने हाजीपुर की जनता के लिए संदेश भी दिया और चाचा पशुपति पारस को लेकर अपने मन की बात कही.

पापा के जाने के बाद पहली बार खुशियां आयी है : चिराग पासवान

चिराग पासवान ने कहा हम लोग काफी लंबे समय के बाद पटना में प्यारे परिवार के साथ होली का त्योहार मना रहे हैं. बीते कुछ साल हम लोगों के लिए हमारे परिवार के लिए मेरी पार्टी के लिए कठिन समय रहे. आज बहुत समय के बाद और पापा के जाने के बाद पहली बार पार्टी और परिवार में नई खुशियां आई हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से पार्टी मजबूत हुई है, जिस तरह से परिवार में नई खुशियां आई हैं. काफी समय बाद हम इतने उत्साह से होली मना रहे हैं. मैं बस आशा करता हूं कि होली न केवल मेरे परिवार में बल्कि इस देश के हर परिवार में खुशियों के ऐसे ही रंग लेकर आती रहे. सभी का जीवन इसी तरीके से खुशियों के रंग से भरा रहे.

चार जून को फिर खेलेंगे होली : चिराग पासवान

चिराग पासवान ने होली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के तमाम नेताओं को होली की शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि गठबंधन का एक मजबूत सहयोगी होने के नाते मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं खासकर मेरे प्रधानमंत्री को कि जिस तरह ये होली खुशियों के रंग लेकर आई है हम लोग ऐसे ही होली चार जून को फिर से मनाएंगे. जब हमारी पार्टी, हमारा गठबंधन बिहार में 40 की 40 सीटें और देश में 400 पार सीटों के साथ सरकार बनाएंगे.

हाजीपुर पर भी बोले चिराग

हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि मैंने हाजीपुर को कभी एक चुनावी क्षेत्र के तौर पर देखा ही नहीं. मेरा हाजीपुर से परिचय ही अलग है और हाजीपुर के लोग भी मुझे कभी नेता के तौर पर नहीं देखते. वो मुझे अपना बेटा, अपना भाई मानकर प्यार, आशीर्वाद और सम्मान दिया है. ऐसे में मेरे लिए ये सौभाग्य की बात होगी कि जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व मेरे पिता ने किया, उस क्षेत्र की सेवा करने का मौका मुझे मिल रहा है, ये मेरे लिए गर्व की बात होगी.

चाचा को लेकर कही ये बात

चाचा पशुपति पारस के साथ आने पर चिराग पासवान ने कहा कि अलग होने का फैसला उनका (पशुपतिनाथ पारस) था. मैंने बार-बार कहा है कि साथ आना या न आना ये उनका फैसला होगा. महागठबंधन में टिकट को लेकर चल रहे घमासान पर चिराग पासवान ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वहां गठबंधन की मर्यादा का पालन हो रहा है. लेकिन अब यह उन्हें तय करना है कि किसे टिकट दिया जाए और किसे नहीं.

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