पेज एक राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से 4500 पदों के लिए होनी है बहाली, परीक्षा की अगली तिथि की अभी घोषणा नहीं पटना के 12 केंद्रों पर रविवार और सोमवार को हुआ परीक्षा का आयोजन वी साइन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था परीक्षा आयोजन करने का जिम्मा संवाददाता, पटना. राज्य स्वास्थ्य समिति ने रविवार और सोमवार (एक और दो दिसंबर) को पटना के 12 केंद्रों पर ली गयी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की कंप्यूटर आधारित परीक्षा को रद्द कर दिया है. ऑनलाइन परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के खुलासे के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने यह कार्रवाई की है. परीक्षा की अगली तिथि के संबंध में सूचना बाद में प्रकाशित की जायेगी. कदाचार को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने एफआइआर दर्ज करने के बाद विशेष टीम बना कर जांच शुरू कर दी है. तीन केंद्रों पर छापा, तीनों में गड़बड़ी गड़बड़ी की पूर्व सूचना के आधार पर इओयू की टीम द्वारा परीक्षा के दौरान तीन केंद्रों की औचक जांच की गयी. इन तीनों केंद्रों पर गलत तरीके से सर्वर में प्रवेश कर बाहरी सॉल्वर गैंग के जरिये परीक्षा के प्रश्न पत्र हल किये जाने के साक्ष्य मिले. जिसके बाद इओयू ने इन परीक्षा केंद्रों के मालिक, ऑनलाइन परीक्षा आयोजक कंपनी वी साइन प्रालि, परीक्षा संयोजकों, परीक्षा केंद्रों के आइटी मैनेजर और आइटी सपोर्ट स्टाफ, अभ्यर्थियों सहित 37 लोगों को पूछताछ के लिए पहले हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ में मिली नयी जानकारी के आधार पर इओयू अपनी जांच को आगे बढ़ा रहा है. पांच से आठ लाख रुपये की डील की आशंका छापेमारी में इओयू की विशेष टीम को ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों और अभियुक्तों के आवास से बड़ी संख्या में कंप्यूटर, मोबाइल फोन, एडमिट कार्ड, अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल डिवाइस के साथ ही कई एटीएम, डेबिट व क्रेडिट कार्ड भी बरामद हुए हैं. इनमें से कई उपकरणों को साक्ष्य के तौर पर जब्त किया गया है. आशंका जताई जा रही है कि परीक्षा पास कराने को लेकर प्रति अभ्यर्थी पांच से आठ लाख रुपये में डील हुई थी. अनुसंधान आगे बढ़ने पर मामले में और खुलासा होने की उम्मीद है. 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की होनी है बहाली मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) पदों पर का विज्ञापन जारी कर 23 नवंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये गये थे. इसके बाद पटना के विभिन्न 12 सेंटरों पर रविवार व सोमवार को कंप्यूटर आधारित परीक्षा ली जानी थी. परीक्षा को कदाचार मुक्त और पूर्ण पारदर्शी बनाने के लिए हर परीक्षा सेंटर पर एक मजिस्ट्रेट के अलावा 12 बिप्रसे के वरीय पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया था. ……………….. कोट : हमलोगों को सीएचओ की ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कुछ सूचनाएं और साक्ष्य मिले थे. जिसके बाद रविवार को कुछ सेंटर पर रेंडम छापामारी की कार्रवाई की गयी. जांच में प्रॉक्सी सर्वर व रिमोट एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रियल टाइम में प्रश्न सॉल्व किये जाने का साक्ष्य मिले. अब तक 37 लोगों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. – मानवजीत सिंह ढिल्लन, डीआइजी, इओयू बिहार. कैसे काम कर रहा था सॉल्वर गैंग स्टेप 1 : सॉल्वर गैंग ने पहले ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के मालिक या किसी स्टाफ की मदद से वहां के इंटरनेट सर्वर का गेटवे हासिल किया. स्टेप 2 : गेटवे हासिल करते ही सॉल्वर गैंग ने प्रॉक्सी सर्वर से सेंटर के किसी भी सिस्टम में एक्सेस का अनाधिकृत अधिकार प्राप्त कर लिया, इसके लिए उसने रिमोट व्यूइंग एप्लीकेशन का उपयोग किया. स्टेप 3 : सॉल्वर गैंग से डील किये हुए परीक्षार्थी सेंटर पर केवल माउस पकड़े रहे और रियल टाइम में सॉल्वर गैंग उनके सिस्टम में घुसकर प्रश्नपत्र हल करता रहा. इसके लिए उसे सेंटर के आसपास रहने की बाध्यता भी नहीं थी.
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