पटना : ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग दोहरायी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विकास दर दोहरे अंक में हासिल करने के बावजूद विकास के प्रमुख मापदंडों (गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिकीकरण और सामाजिक व भौतिक आधारभूत संरचना) में हम राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार की तरह कई अन्य राज्य भी पिछड़े हैं. ऐसे पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा में पिछड़ेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए सकारात्मक नीतिगत पहल की जरूरत है. उन्होंने पिछड़े राज्यों को मुख्यधारा में लाने के लिए जरूरी नीतिगत ढांचा तैयार करने की जरूरत पर बल दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ेपन से निकल कर विकास के राष्ट्रीय औसत स्तर को प्राप्त करने के लिए बिहार जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने मुख्यमंत्री ने मांग दोहराते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, जिससे हमें हमारा वाजिब हक मिल सके और देश की प्रगति में बिहार योगदान दे सके.
बिहार समेत अन्य पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा में पिछडेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के करीब लाने के लिए केंद्र से सकारात्मक पहल की जरूरत है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोहरे अंक का विकास दर हासिल करने के बावजूद भी बिहार विकास के प्रमुख मापदंडों मसलन गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगीकरण और समाजिक एवं भौतिक आधारभूत संरचना में राष्ट्रीय औसत से नीचे है. उन्होंने कहा कि पिछड़े राज्यों को मुख्य धारा में लाने के लिए नयी सोच के तहत आवश्यक नीतिगत ढांचा तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है.