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Holding Tax: काॅमर्शियल होल्डिंग टैक्स में वृद्धि का प्रस्ताव खारिज, पढ़िए निगम बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला

कॉमर्शियल होल्डिंग के टैक्स वृद्धि के प्रस्ताव पर निगम बोर्ड में सबसे अधिक गर्मागर्म बहस हुई. नगर विकास एवं आवास विभाग ने पटना नगर निगम को भेजा था, जिसे स्टैंडिंग कमेटी की पिछली बैठक में शामिल सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने विचार के लिए निगम बोर्ड को भेजा था.

Holding Tax कॉमर्शियल होल्डिंग टैक्स में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं होगी. शनिवार को पटना के मौर्या होटल में निगम बोर्ड की हुई बैठक में पार्षदों ने सर्वसम्मति से इसे जनविरोधी बता कर पारित करने से इन्कार कर दिया. बैठक में कुल 24 प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, जिनमें अन्य 23 प्रस्तावों को पास कर दिया गया.

इनमें सड़क पर कचरा फेंकने की स्थिति में पांच हजार रुपये तक जुर्माना लेने के साथ-साथ एक करोड़ की योजना की सूची जल्द प्रस्तुत करना, पर्यावरण और बागवानी शाखा को सुदृढ़ करना, नंदगोला घाट पर शवदाह गृह के निर्माण के लिए 1.09 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति, कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए शेष राशि की व्यवस्था आदि शामिल है.

इनमें कुछ योजना बिना बहस के पारित कर ली गयी, जबकि कुछ योजनाओं को गर्मागर्म बहस और नोकझोंक के बीच पारित किया गया. बैठक में मेयर सीता साहू , डिप्टी मेयर रेशमी कुमार, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, डाॅ आशीष सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी समेत सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्य और वार्ड पार्षद शामिल थे.

होल्डिंग टैक्स में वृद्धि से पहले नगर निगम से बात करे राज्य सरकार

गैर आवासीय (कॉमर्शियल) होल्डिंग के टैक्स वृद्धि के प्रस्ताव पर निगम बोर्ड में सबसे अधिक गर्मागर्म बहस हुई. मालूम हो कि बीते वर्ष नगर विकास एवं आवास विभाग ने पटना नगर निगम को भेजा था, जिसे स्टैंडिंग कमेटी की पिछली बैठक में शामिल सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने विचार के लिए निगम बोर्ड को भेजा था.

बैठक में एक सुर से सभी पार्षदों ने इस तरह की वृद्धि का विरोध किया और इसे स्वीकृति देने से मना कर दिया. सशक्त स्थायी समिति के वरीय सदस्य डॉ आशीष सिन्हा ने कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव को बनाते समय नगर विकास एवं आवास विभाग को पटना नगर निगम से मशविरा करना चाहिए.

पहले कचरा उठाव की पुख्ता व्यवस्था हो, फिर जुर्माना लगाये नगर निगम

सड़क पर इधर उधर कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाये जाने के प्रस्ताव पर भी पार्षदों में तीखी बहस हुई. एक महिला पार्षद इस आधार पर जुर्माना लेने का विरोध कर रही थीं कि उनके वार्ड में टिपर हर सेक्टर में नहीं जा रहा है और इ-रिक्शा भी पर्याप्त नहीं हैं. ऐसे में कई क्षेत्राें में कई दिन कचरा का उठाव नहीं हो पाता है और लोग इधर-उधर कचरा फेंकने पर मजबूर होते हैं. ऐसे में यदि उन पर जुर्माना लगाया गया, तो हमें गालियां सुननी पड़ेंगी.

एक महिला पार्षद यह कह कर जुर्माना लगाने के प्रावधान पर सवाल उठा रही थी कि बाजार क्षेत्र में यह कैसे चिह्नित होगा कि किस सब्जी वाले ने कचरा फेंका है. कुछ पार्षद जुर्माने की राशि और भी कम करने की मांग कर रहे थे. पार्षद संजीव ने तो यहां तक कहा कि उनके क्षेत्र के लोग कह रहे हैं कि वे जुर्माना तभी देंगे, जब नगर निगम की गाड़ी नहीं आने पर वह भी उन्हें मुआवजा दे. बाद में नगर आयुक्त द्वारा यह आश्वासन देने के बाद कि बाजार क्षेत्रों में शाम में भी कचरा उठाने के लिए गाड़ी भेजी जायेगी और शुरुआती जुर्माने की राशि मात्र 200 रुपये हैं, पार्षद इसे पारित करने पर राजी हुए.

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