Bihar Flood: उत्तर बिहार के लिए बाढ़ एक बहुत बड़ी समस्या है. हर साल इस क्षेत्र की विभिन्न नदियां उफान पर आ जाती हैं. जिससे बाढ़ की समस्या पैदा होती है. लेकिन विभिन्न नदियों में आने वाली बाढ़ से अब उत्तर बिहार को राहत मिलेगी. इन नदियों के पानी के बेहतर प्रबंधन के लिए नये बराज और अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्रीय जल आयोग ने पांच सदस्यीय एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है. फिलहाल यह समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने वाली है. यह जानकारी राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने दी है.
वित्त मंत्री से संजय झा ने की मुलाकात
राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की थी, जो काफी सार्थक रही है. राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने बताया है कि उत्तर बिहार की नदियों में हर साल आने वाली बाढ़ एक बड़ी समस्या है. जिसके दीर्घकालिक समाधान की दिशा में यह एक बहुत बड़ी पहल है.
संजय झा ने बाढ़ के प्रभाव को कम करने के दिए सुझाव
संजय कुमार झा ने बताया है कि बिहार के विकास और उत्तर बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विस्तृत चर्चा हुई. इसके बाद 28 जून 2024 को संजय ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संसद भवन स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की और उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही इसके प्रभाव को कम करने से संबंधित सुझाव भी दिए.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने सुझावों को बहुत गंभीरता से सुना और उसी दिन शाम को एक और उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी के अलावा वित्त, विदेश और जल शक्ति मंत्रालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
मिटींग में बाढ़ से सामाधान के दिए गए सुझाव
इस महत्वपूर्ण बैठक में उत्तर बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से बेहतर जल प्रबंधन के लिए विस्तृत खाका तैयार करने के मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. इसमें राज्यसभा सांसद संजय झा ने विस्तार से बताया कि किस तरह नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ उत्तर बिहार के विकास की राह में बड़ी बाधा है. बिहार सरकार को बाढ़ से जान-माल की सुरक्षा, राहत और पुनर्वास के उपायों पर हर साल बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित होता है. इसके समाधान के लिए कई सुझाव भी दिए गए.
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बैराज निर्माण के लिए संभावनाओं का पता लगाएगी कमिटी
वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संजय झा ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत रूचि के कारण बैठक में निर्णय लिया गया कि एक उच्चस्तरीय समिति उत्तर बिहार की विभिन्न नदियों के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए नए बैराज एवं अन्य संरचनाओं के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाएगी.
कमिटी में ये लोग हैं शामिल
केंद्रीय जल आयोग ने उसी दिन शाम को पांच सदस्यीय कमिटी का गठन भी कर दिया. इस कमेटी में पटना स्थित लोअर गंगा बेसिन ऑर्गेनाइजेशन (एलजीबीओ) के चीफ इंजीनियर अम्बरीश नायक को अध्यक्ष, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (जीएफसीसी) के निदेशक संजीव कुमार, केंद्रीय जल आयोग के अधीन बीसीडी के निदेशक एसके शर्मा और बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है, जबकि एलजीबीओ के अधीक्षण अभियंता को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस कमेटी को गुरुवार तक अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपनी है.
आपदा को अवसर में बदल देगी एनडीए की डबल इंजन सरकार
संजय झा ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एनडीए की डबल इंजन सरकार उत्तर बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ की आपदा को अवसर में बदल देगी. हमारे उत्तर बिहार की धरती बहुत उपजाऊ है. अगर वहां बाढ़ का दीर्घकालिक समाधान हो और नदियों के अतिरिक्त पानी का सिंचाई के लिए बेहतर उपयोग हो तो पूरा उत्तर बिहार तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा.