पटना में दानापुर के नासरीगंज घाट पर शुक्रवार को नाव पर चढ़ने के दौरान गंगा में गिरकर एक BPSC शिक्षक की मौत हो गयी. फतुआ के सरथुआ गांव निवासी शिक्षक अविनाश दानापुर सबडिवीजन के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, छोटा कासिमचक में पोस्टेड थे. पिछले साल नवंबर महीने में उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी. शुक्रवार को स्कूल जाने के दौरान गंगा में गिरे और शनिवार सुबह तक उनकी खोज नदी में जारी थी. अविनाश के घर में मातम पसरा हुआ है. नवंबर में उनकी शादी होने वाली थी.
अविनाश की होने वाली थी शादी, घर में पसरा मातम
गंगा में डूबने से लापता हुए शिक्षक अविनाश के घर में खुशियां छाई हुई थी. अविनाश ने पिछले साल बीपीएससी की परीक्षा पास की थी और सरकारी शिक्षक बन गए थे. वो गणित विषय के अध्यापक थे. पूरे घर में खुशियां छायी हुई थी. अविनाश की अब शादी होने वाली थी. वो दो भाइयों में छोटे थे और काफी मिलनसार थे. परिजनों ने बताया कि नवंबर में अविनाश की शादी होने वाली थी. सभी इसकी तैयारी कर रहे थे और अचानक इस हादसे ने अविनाश को हमसे छीन लिया.
मां का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
अनिवाश के पिता राज करण प्रसाद और मां मीना देवी समेत पूरे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. रोते हुए मां मीना देवी कह रही थीं कि ‘कौन गलती के गंगा मईया सजा देला..’ अनिवाश के पैतृक गांव सरथुआ में भी मातम पसरा हुआ है. पड़ोसी और रिश्तेदारों को विश्वास नहीं हो रहा कि अविनाश इस तरह हादसे का शिकार बन जाएगा.
नाव से कैसे गंगा में गिर गए अविनाश?
अविनाश के साथ जो शिक्षक नाव में सवार होकर स्कूल जा रहे थे उन्होंने इस हादसे को लेकर बड़े दावे किए हैं. उन्होंने बताया कि अविनाश ने पहले अपनी बाइक नाव पर चढ़ा दी थी. लेकिन बारिश तेज होने लगी थी तो सभी यात्री नाव से उतर गए. थोड़ी देर बाद बारिश रूकने पर जब वो जब नाव पर चढ़ने लगे तो पीछे से दूसरी नाव ने इस नाव में टक्कर मार दी. इससे अविनाश असंतुलित होकर गंगा में गिर गए. साथी शिक्षकों ने बताया कि अनिवाश गंगा में गिरा तो मदद के लिए काफी चिल्लाया. लेकिन उसकी गुहार किसी ने नहीं सुनी. कोई भी नाविक उसकी मदद के लिए आगे नहीं आए.
बचाने की गुहार लगाते रहे, किसी नाविक ने मदद नहीं की
गंगा में गिरने के बाद शिक्षक अविनाश मदद के लिए अपनी हेलमेट ऊपर करके बचाने की गुहार लगाते ही रह गए. किसी भी नाविक ने उसे बचाने की कोशिश तक नहीं की. शिक्षकों ने कहा कि हमें तैरना नहीं आता था. इसलिए नाविकों को कहते रह गए कि कोई उसे बचा लो. लेकिन किसी का दिल नहीं पिघला और हमारे आंखों के सामने हमारा साथी अनिवाश गंगा में समा गया. बता दें कि देर रात तक अविनाश की खोज गंगा में जारी थी लेकिन उनका अता-पता नहीं चला था.