Dengue in Bihar: पटना. बिहार में डेंगू तेजी से फैल रहा है. पिछले दो दिनों के अंदर केवल पटना शहर में ही पांच नये डेंगू के मरीजों की पहचान की गयी है. इसके अलावा वैशाली में एक और जहानाबाद जिले में एक नया डेंगू मरीज पाया गया है. बिहार में अब तक डेंगू के 200 से अधिक मरीजों की पहचान की जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मामले अगर इसी रफ्तार से बढ़ते रहेंगे तो हालात बिगड़ सकती है. वैसे बिहार राज्य कार्यकम पदाधिकारी वेक्टर रोग डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए पटना में 62 आशा को शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया है.
पटना सिटी में डेंगू के मिले चार मरीज
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में डेंगू के 14 सैंपलों की जांच में चार डेंगू संक्रमित मरीज मिले हैं. विभागाध्यक्ष डॉ प्रो संजय कुमार ने बताया कि शनिवार को जांच रिपोर्ट में धनरूआ के 20 वर्ष की महिला, गया के 32 वर्ष का युवक, दीपनगर मेहंदीगंज का 15 वर्षीय किशोर और बख्तियारपुर के 24 वर्ष के युवक की जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव मिला है. संक्रमित मरीज मेडिसिन विभाग के विभाग के ओपीडी में उपचार कराने के लिए आया था. इससे पहले शुक्रवार को भी 15 मरीजों के सैंपलों की जांच में पांच मरीज संक्रमित मिले थे. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह और उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि अस्पताल में 30 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है.
पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत जिला अस्पताल में बना डेंगू वार्ड
बारिश के बाद डेंगू की दस्तक को देखते हुए पीएमसीएच और एनएमसीएच में 50-50 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. इसके अलावा जिला अस्पताल में 20 और प्रखंड स्तर में दो बेड डेंगू के लिए रिजर्व रखे गये हैं. जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ अशोक ने बताया कि राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों की भी रैपिड जांच की जायेगी. डॉ अशोक ने बताया कि डेंगू मरीज पाये जाने के बाद उनकी मेडिकल पुष्टि की जाती है. सत्यापन के बाद उनके घर के 500 मीटर के दायरे में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जायेगा. वहीं पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि मरीजों के लिए दवा, मच्छरदानी आदि की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि, अस्पताल में अब तक डेंगू के मरीज नहीं पहुंचे हैं. इलाज के लिए तैयारी कर ली गयी है. डेंगू वार्ड को व्यवस्थित करने के साथ-साथ दवा व अन्य व्यवस्था की जा रही है.
डेंगू के बचाव को लेकर 62 आशा की लगायी गयी ड्यूटी
बरसात शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है. वहीं शहर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो डेंगू के लिए हाइ रिस्क जोन में है. यह कहना है वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार का. रविवार को डेंगू के मच्छर के लार्वा की पहचान के लिए जिला के शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण जिला मलेरिया कार्यालय में किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर निदेशक सह कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि थोड़ा जमा पानी भी डेंगू मच्छर के पनपने के लिए पर्याप्त है. इसी खतरे को देखते हुए 62 शहरी आशा को डेंगू लार्वा चेकर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में जमे हुए पानी में लार्वा की पहचान कर कार्यालय को सूचित करेंगी.
डेंगू के दो मरीज मिले, सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग
पूर्णिया जिले में डेंगू मरीज के दो मामलों की पुष्टि हुई है. दोनों ही मरीज स्थानीय हैं और जिनका कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है. शुक्रवार रात आई रिपोर्ट में दोनों मरीजों में डेंगू होने के प्रमाण मिले हैं जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है. जीएमसीएच एपिड़ेमोलोजिस्ट डॉ. नीरज कुमार निराला ने डेंगू की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों स्थानीय मरीज में से एक मंझली चौक मधुबनी निवासी हैं, जबकि दूसरा मरीज पुलिस लाईन के निकट का है जिनका अपने घरों में ही सुरक्षित रहकर इलाज चल रहा है. इस सन्दर्भ में सिविल सर्जन प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि डेंगू को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छिड़काव और जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जायेंगे, वहीं नगर निगम के इलाके में इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को दी गयी है.