पटना: इस बार दुर्गा पूजा में मूर्तियों का विसर्जन नदी में नहीं होगा. विसर्जन के लिए पटना शहरी क्षेत्र में 11 कृत्रिम तालाब या पूर्व से बने तालाब निर्धारित किये गये हैं. इनमें पांच पटना सदर अनुमंडल में और छह पटना सिटी अनुमंडल में हैं.
पटना सदर अनुमंडल के जिन पांच तालाबों में मूर्ति का विसर्जन होगा, उनमें तीन दीघा क्षेत्र में बनाये गये हैं. इस बार यहां एक तालाब को बढ़ाया गया है. पटना शहरी क्षेत्र की ज्यादातर मूर्तियों का विसर्जन दीघा क्षेत्र में ही होता है.साथ ही शहरी क्षेत्र के दो अन्य तालाबों में फुलवारीशरीफ प्रखंड कार्यालय से सटे तालाब और अनिसाबाद स्थित माणिकचंद तालाब हैं.
दूसरी ओर पटना सिटी अनुमंडल में जिन तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन होगा, उनमें गायघाट, भद्र घाट, कंगन घाट, लॉ कॉलेज घाट, खाजेकलां घाट और किला घाट पर बनाये गये कृत्रिम तालाब हैं. इस इलाके की सभी मूर्तियों का विसर्जन इन्हीं तालाबों में होगा.
नदियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उनमें मूर्ति विसर्जन पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है. जिला प्रशासन के निर्देश पर पटना नगर निगम की ओर से कृत्रिम तालाबों का निर्माण कराया गया है. जिला प्रशासन ने आदेश में कहा है कि विसर्जन के दौरान कम से कम व्यक्ति ही निर्धारित विसर्जन स्थल तक जा सकेंगे. विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही होगा. संख्या का निर्धारण लाइसेंस में स्पष्ट रूप से किया जायेगा.
Published By: Thakur Shaktilochan