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मुख्य सड़कों के निर्माण में हुई देरी तो ठेकेदारों को देना होगा जुर्माना

राज्य में मुख्य सड़कों के निर्माण में देरी होने पर अब ठेकेदारों से जुर्माना वसूला जायेगा. जुर्माने की यह वसूली लिक्विडिटी डैमेज (एलडी) के रूप में होगी.

संवाददाता, पटना

राज्य में मुख्य सड़कों के निर्माण में देरी होने पर अब ठेकेदारों से जुर्माना वसूला जायेगा. जुर्माने की यह वसूली लिक्विडिटी डैमेज (एलडी) के रूप में होगी. साथ ही नियमानुसार लिक्विडिटी डैमेज की वसूली नहीं होने पर संबंधित पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. यह नयी व्यवस्था पथ निर्माण विभाग ने तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है. साथ ही करीब आधा दर्जन सड़कों के ठेकेदारों पर जुर्माना लगा दिया गया है. इनकी वसूली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसमें इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड की कुछ परियोजनाएं शामिल हैं. इसके साथ ही विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को परियोजनाओं की समीक्षा कर जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है कि किन परियोजनाओं में निर्माण के सभी मानकों को पूरा करने के बावजूद ठेकेदार सड़क नहीं बना रहे हैं. विभागीय समीक्षा बैठक में जानकारी मिली कि जमीन अधिग्रहण, वर्क ऑर्डर सहित ठेकेदार अप्वाइंट होने सहित सभी मानकों को पूरा करने के बावजूद करीब 10 फीसदी सड़कों के निर्माण में देरी हो चुकी है. इसमें मुख्य रूप से राज्य के कई एनएच सहित एसएच भी शामिल हैं. इसके साथ ही स्वीकृत परियोजनाओं का एकरारनामा नहीं किया गया है उन सड़कों की हालिया स्थिति के संबंध में भी मुख्यालय ने सभी कार्यपालक अभियंताओं से रिपोर्ट मांगी है. मुख्यालय की तरफ से सड़कों की टेंडर प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के लिए समय सीमा तय करने का निर्देश दिया गया है. राज्य में कुछ नयी एनएच हैं, जिनको निर्माण के लिए एजेंसी चयन के बाद वर्क ऑर्डर भी मिल चुका है. इसके बावजूद इनका निर्माण शुरू होने का इंतजार है. इसमें छपरा-हाजीपुर एनएच-19, रोसड़ा-बहेरी-दरभंगा नया एनएच-527इ, सरायगढ़-लालगंज-गणपतगंज शामिल हैं. इसके साथ ही जमुई-खरगडिहा-चतरो-सरवण-चकाई नया एनएच-333सी, देकुली-सिसौनी सड़क, हथौड़ी-कोठी-बहेरी, एसएच-88 शंकर लोहार-सिसौनी एसएच-56 सड़कों के निर्माण में देरी होने से इन सड़कों के ठेकेदारों से जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

राज्य में सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से समय पर पूरा करने के लिए बड़े अभियंताओं को साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गयी है. इसमें कार्यपालक अभियंता द्वारा साप्ताहिक, अधीक्षण अभियंता द्वारा पाक्षिक और मुख्य अभियंता द्वारा मासिक निरीक्षण किया जायेगा. अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता स्थल भ्रमण से संबंधित निरीक्षण की रिपोर्ट विभाग के सचिव को सौंप देंगे.

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