पटना शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने का प्रयास निकायकर्मियों की हड़ताल की वजह से सफल नहीं हो रहा है. 11 सूत्री मांगों को लेकर दैनिक सफाई कर्मियों की हड़ताल नौ दिनों से चल रही है. इससे शहर में सड़कों पर नये-नये कचरा प्वाइंट बन गये हैं. कचरे का उठाव नहीं होने से उसका आकार बड़ा होने लगा है. कचरा पसर कर सड़क पर फैलने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है.
कई जगहों पर कचरे का फैलाव
इंद्रपुरी में रोड नंबर तीन के सामने अटल पथ पर नया कचरा प्वाइंट पर कचरा के साथ मरे हुए जानवर फेंक दिये जाने से लोगों का उधर से गुजरना मुश्किल हो रहा है. महेश नगर में राधिका अपार्टमेंट के सामने अटल पथ के खाली हिस्से में कचरे का ढेर जमा होने लगा है, जबकि हड़ताल से पहले अटल पथ साफ दिखता था. बेली रोड में केंद्रीय विद्यालय के गेट की बगल में ही कचरा प्वाइंट होने से उससे निकलने वाले दुर्गंध से विद्यालय आने वाले बच्चे परेशान हो रहे हैं. न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीव नंबर रोड संख्या 23, शिवपुरी, बसावन पार्क, आनंदपुरी, जीपीओ फ्लाइओवर के नीचे के अलावा जहां-तहां नये कचरा प्वाइंट बन गये हैं.
सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से घर-घर कचरा वाहन के नहीं पहुंचने से घरों से कचरे का कलेक्शन नहीं हो रहा है. नतीजा मजबूरी में लोग सड़क पर कचरा जमा कर रहे हैं. इससे सड़कों पर नये कचरा प्वाइंट बन गये हैं. उन जगहों से उठाव नहीं होने से कचरे का ढेर जमा है.
नगर निगम की ओर से शहर से जमा कचरे का उठाव कर लिये जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है. निगम की ओर से केवल मुख्य सड़कों पर से जमा कचरे का उठाव हो रहा है. निगम सूत्रों के अनुसार सफाई कर्मियों की हड़ताल के कारण कचरा उठाव में परेशानी हो रही है. जेसीबी से कचरा उठाने का काम केवल बड़े जगहों पर होता है. गलियों में जेसीबी को ले जाने में दिक्कत के कारण कचरे का उठाव नहीं हो रहा है.
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दैनिक सफाई कर्मियों की हड़ताल से शहर में रोजाना लगभग 400 टन कचरा सड़कों पर जमा हो रहा है, जबकि शहर से रोजाना लगभग 900 से एक हजार टन कचरा निकलता है. निगम की ओर से कचरा उठाव करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, 40 से 50 प्रतिशत ही कचरे का उठाव कर शहर से बाहर फेंका जा रहा है. नतीजा शहर से निकलने वाले कुल कचरे का आधा कचरा अलग-अलग इलाके में जमा है. पिछले तीन-चार दिनों में हुई हल्की बारिश से जमा कचरे के गीला होने से सड़ने लगा है. इसके कारण निकलने वाले दुर्गंध से लोग परेशान हैं. अगर कचरे का उठाव कर शहर से बाहर नहीं किया गया, तो गंभीर बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जायेगी. निगम सूत्रों के अनुसार रात में जेसीबी से कचरे का उठाव होता है. लेकिन, वह पर्याप्त नहीं है.