– स्प्रिट की ढुलाई में कूरियर कंपनियों की संलिप्तता का संदेह, पकड़े जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई – मद्य निषेध मंत्री की अध्यक्षता में बिहार पुलिस के साथ अधिकारियों की हुई कॉर्डिनेशन बैठक संवाददाता, पटना. जहरीली शराब के निर्माण में इस्तेमाल हो रहे स्प्रिट की अवैध ढुलाई में कूरियर कंपनियों की भूमिका सामने आयी है. इसको देखते हुए मद्य निषेध उत्पाद विभाग ने कूरियर कंपनियों के सामान की भी जांच का निर्णय लिया है. इसके लिए एक दर्जन से अधिक हैंडहेल्ड स्कैनर विभागीय पदाधिकारियों को उपलब्ध कराये गये हैं. मंगलवार को मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सादा की अध्यक्षता में उत्पाद एवं बिहार पुलिस में समन्वय के लिए बैठक में जहरीली शराब से मृत्यु की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की गयी. बैठक में बिहार पुलिस के एडीजी (मद्य निषेध) सुशील एम खोपड़े, मद्य निषेध सचिव विनोद सिंह गुंजियाल, उत्पाद सह निबंधन आयुक्त रजनीश कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार, उपायुक्त विकास सिन्हा, सुरेंद्र प्रसाद, मद्य निषेध एसपी राजेश कुमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे. मंत्री ने जब्त वाहनों की नीलामी और शराब विनष्टीकरण पर जोर दिया. आसूचना संग्रहण तंत्र को प्रभावी बनाने पर हुई चर्चा बैठक में संगठित अपराध पर नियंत्रण को लेकर दोनों विभागों के अधिकारियों ने चर्चा की. गुप्त सूचनाओं (आसूचना) के संग्रहण तंत्र को प्रभावी बनाने और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर सहमति जतायी गयी. बैठक में मद्य निषेध से संबंधित फरार वारंटी अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं राज्य के बाहर के अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर कार्ययोजना बनायी गयी. निर्णय लिया गया कि शराब माफियाओं की गिरफ्तारी की सूचना का मासिक आदान-प्रदान किया जायेगा. स्थानीय पुलिस थाना एवं उत्पाद थाना के पदाधिकारी भी आपस में समन्वय बना कर काम करेंगे. इंटीग्रेटेड चेक पोस्टों के सुदृढ़ीकरण को लेकर भी निर्णय लिये गये.
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