बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है. जहां किसी भी आपदा के आने पर दिव्यांग स्वयं ही अपना बचाव कर सकेंगे. इसके लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एननआइटी पटना व आइआइटी दिल्ली के छात्रों से सहयोग से एक सेंसर लगे उपकरण का निर्माण कर रहा है. ताकि सभी दिव्यांगों को अलर्ट करने के लिए विभिन्न तरह के सिगनल बना कर जिलों को दिया जा सके और आपदा के वक्त सभी दिव्यांग खुद से अलर्ट हो सकें.
दिव्यांगों को होगी सहूलियत, नयी तकनीक से जुड़ेंगे
इन सिगनल व साउंड सिस्टम को दिव्यांगों के स्कूल, हॉस्टल और वैसे कार्यक्रमों में सुनाया जायेगा, ताकि राज्य के सभी दिव्यांग फरवरी माह तक सिगनल को समझ सकें. इसके लिए पहले शिक्षकों को ट्रेंड किया जायेगा और उसके बाद इसे सार्वजनिक रूप से भी दिखलाया जायेगा, ताकि वह नियमित प्रैक्टिस करते रहें. वहीं, दिव्यांगों को आपदा के दौरान बचाव एवं अन्य जानकारियों के लिए उन्हें नयी तकनीकों से जोड़ा जायेगा.
मॉक ड्रील में किया जायेगा शामिल
दिव्यांगों के स्कूलों में मॉक ड्रील कराने का निर्णय लिया गया है. मॉक ड्रील में दिव्यांगों को हर चीज से अवगत भी कराया जायेगा, ताकि आपदा के प्रति चलने वाले जागरूकता कार्यक्रम में इनकी भागीदारी बढ़ सके. इससे सभी दिव्यांग आपदा के दौरान खुद से भी सतर्क रहेंगे. इसके लिए राज्य के स्कूलों में तीन लाख दिव्यांग छात्रों को आपदा से बचाव के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.
पहले चरण में 600 छात्र होंगे ट्रेंड
आपदा से बचाव के लिए दी जाने वाली इस ट्रेनिंग के प्रथम चरण में पटना के पांच दिव्यांग स्कूलों में पढ़ने वाले 600 छात्र शामिल होंगे. इसके साथ ही छात्रों के पैरेंट्स को भी आपदा से बचाव के लिए जानकारी देनी की योजना है. किसी भी आपदा के वक्त दिव्यांग बच्चों को सबसे अधिक मुश्किल होती है. ऐसे में उन्हें ट्रेनिंग के जरीय बचाव की जानकारी दी जा रही है.