संवाददाता, पटना : 225 करोड़ रुपये खर्च कर लगे आइट्रीपलसी के कैमरों ने मार्च, 2023 से नवंबर, 2024 तक चालान काट कर 79 करोड़ कमाये हैं. इस प्रकार पटना स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट आइट्रीपलसी को डेढ़ साल में ही अपनी लागत की एक तिहाई राशि राजस्व के रूप में प्राप्त हो चुकी है. आइट्रीपलसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) के ऑटोमेटिक कैमरे और चालान को काट कर अपने आप वाहन मालिक के मोबाइल फोन पर भेजने की व्यवस्था से उपजा भय ही है कि आज राजधानी की सड़कों पर गाड़ियों को चलाने या उसमें बैठने से पहले अधिकतर लोग हेल्मेट और सीट बेल्ट याद करते हैं. उन्हें डर होता है कि अगर यातायात के नियमों को नहीं माना, तो चलान कट जायेगा.
ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे से कटता है चालान
पटना स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के सभी चौक-चौराहों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे लगे हुए हैं, जो न सिर्फ 24×7 सक्रिय हैं, बल्कि ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वाले वाहनों को चिह्नित करते हैं. गौरतलब है कि 19 ट्रैफिक नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जिनमें बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना, बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाना, रेड लाइट का उल्लंघन, गति सीमा उल्लंघन, गाड़ी चलते समय मोबाइल का उपयोग,राॅन्ग वे में गाड़ी चलाना व अन्य शामिल हैं.3357 कैमरों से मॉनीटरिंग
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर 3357 कैमरे लगे हैं, जिनमें स्पीड वायलेश डिटेक्शन, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन , ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे, व्हीकल डिटेक्शन व सीसीटीवी सर्विलांस कैमरे शामिल हैं. स्मार्ट सिटी आइसीसीसी बिल्डिंग में इन कैमरों की निगरानी के लिए टीम तैनात है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है