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Patna News : चार माह के अंदर 3247 बेड का होगा आइजीआइएमएस

आइजीआइएमएस में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बाइप्लेन कार्डियोवैस्कुलर कैथलैब का उद्घाटन किया. इसमें लगायी गयी डीएसए मशीन से दिल और दिमाग का एक साथ इलाज हो सकेगा. ऐसी सुविधा वाला आइजीआइएमएस राज्य का पहला अस्पताल बन गया है.

संवाददाता, पटना : आइजीआइएमएस में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शुक्रवार को बाइप्लेन कार्डियोवैस्कुलर कैथलैब सिस्टम डीएसए मशीन और इमरजेंसी में 30 बेड के नये आइसीयू वार्ड का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि अब यहां बेड के अभाव में दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि अगले चार-छह महीने के अंदर यह कुल 3247 बेड का अस्पताल हो जायेगा. वर्तमान में यहां 1747 बेड है. परिसर में 500 और 1200 बेड के अस्पताल का िनर्माण पूरा होने जा रहा है. 500 नये बेड की सुविधा फरवरी के पहले सप्ताह और 1200 नये बेड की सुविधा मई तक शुरू हो जायेगी. इसके साथ ही यहां बेडों की संख्या 3247 हो जायेगी.

पीजीआइ के तर्ज पर आइजीआइएमएस में हो रहा विकास

मंगल पांडे ने कहा कि आइजीआइएमएस को लखनऊ एसजीपीजीआइ व चंडीगढ़ पीजीआइ के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. सभी बेड पर गैस पाइप लाइन व वेंटिलेटर की सुविधा बढ़ायी गयी है. साथ ही यहां जल्द डायलिसिस के लिए वेंटिलेटर युक्त 20 बेड का नया वार्ड बनाया जायेगा. छह मॉड्यूलर ओटी और अलग से क्रिटिकल केयर वार्ड की सुविधा दी जायेगी. वहीं, एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि संस्थान में तेजी से विकास हो रहा है. वहीं, एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि यहां सस्ते इलाज के साथ मरीजों को चिकित्सा पर काफी भरोसा है. निदेशक बिंदे कुमार, उप निदेशक विभूति प्रसन्न सिन्हा,मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल, हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ रवि विष्णु, न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड डॉ समरेंद्र कुमार सिंह, डॉ अमन कुमार, डॉ प्रेम कुमार आदि उपस्थित थे.

एक साथ होगा दिल और दिमाग का इलाज

आइजीआइएमएस के हृदय रोग विभाग में बाइप्लेन कार्डियोस्कुलर कैथलैब में डीएसए (डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी) मशीन से जांच शुरू होने के साथ ही यह राज्य का पहला अस्पताल हाे गया है, जहां एक साथ दिल व दिमाग के इलाज की सविधा उपलब्ध हो गयी है. हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ रवि विष्णु ने बताया कि 15 करोड़ से 3-डी एआइ युक्त यह मशीन लगायी गयी है़ इससे अब हृदय व सिर की गंभीर बीमारियों के मरीजों की बिना ओपन सर्जरी किये ही स्टेंट डाला जा सकेगा. इस मशीन से एंजियोग्राफी व सीटी स्कैन एक साथ हो सकेंगे.

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