पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ रखा गया है. वैश्विक महामारी कोरोना काल में योग की प्रासंगिकता इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर को निरोग और मन को शांत रखने में और अधिक बढ़ गयी है. बिहार के मुंगेर स्थित ‘स्कूल ऑफ योगा’ का योग की महत्ता स्थापित करने में बड़ी भूमिका रही है.
कोरोना संक्रमण की भयावहता की वजह से भले इस बार योग दिवस पर सार्वजनिक आयोजन संभव नहीं है, मगर 45 मिनट तक घर पर परिवार के साथ योगाभ्यास कर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं. प्रधानमंत्री ने भी एक वीडियो संदेश में लोगों से अपने घर पर योग दिवस को मनाने की अपील की है.
मोदी ने कहा कि आज दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही है, ऐसे में योग की मदद से शारीरिक, मानसिक चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. योग से सीखा जा सकता है कि मुश्किल वक्त में कैसे जिया जाये. सामान्य स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा की वृद्धि में योग का सकारात्मक प्रभाव प्रमाणित है. वैश्विक स्तर पर भी एक तनाव रिलीवर के रूप में योग की भूमिका स्वीकार की गयी है.
उन्होंने लोगों से अपील की कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून की सुबह अपने-अपने घरों में दूरी बना कर परिवार के साथ योग करें और कम-से-कम तीन मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर पूरी दुनिया के साथ जुड़ें.
उन्होंने कहा है कि निर्विवाद रूप से योग शरीर और मस्तिष्क के बीच की दूरी मिटाने, आत्मबल बढ़ाने और मन को शांत रखने में सहायता करता है. ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में स्वयं और अपने परिवार के स्वास्थ्य रक्षा के लिए योग सर्वोत्तम है. कोरोना के चलते भले ही हम सार्वजनिक आयोजन नहीं कर पा रहे हों, लेकिन इससे योग के प्रति उत्साह में कमी नहीं आनी चाहिए.