दीपक राव, भागलपुर: सिल्क सिटी भागलपुर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. खासकर अजगैबीनाथ धाम सुलतानगंज धार्मिक रूप से देश के मानचित्र में अपना स्थान बना चुका है. इन बातों को ध्यान में रखकर जिला उद्योग केंद्र ने इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर की कवायद शुरू कर दी है. इतना ही नहीं इसमें विश्व प्रसिद्ध रेशम उद्योग, कतरनी धान उत्पाद, जर्दालू आम व अन्य उत्पादों के व्यापार का केंद्र बनाया जायेगा.
पर्यटकों को आने के लिए बनाया जायेगा माहौल, बाजार के लिए नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत
डीएम डॉ. नवलकिशोर चौधरी के मार्गदर्शन में जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक खुशबू कुमारी ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में पर्यटन उद्योग को भी विकसित करने की प्लानिंग है, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक व सैलानी यहां के प्रोडक्ट की क्वालिटी से अवगत हो सकेंगे और एक बार इस्तेमाल करने के बाद बार-बार दूसरे देशों, प्रांतों व महानगरों से भी घर बैठे मंगवा सकेंगे. इस तरह से यहां के उद्योग को आसानी से बाजार मिल सकेगा.
ALSO READ: Video: ‘डीएम सर आए, रूम बंद किए और जबरन…’ जानिए मुंगेर में महिला DPO की क्यों बिगड़ी तबीयत?
इसलिए जरूरी है सुलतानगंज में औद्योगिक गलियारे की आवश्यकता…
जीएम खुशबू कुमारी ने बताया कि भागलपुर के रेशम उद्योग, खुशबूदार कतरनी धान प्रोडक्ट, जर्दालू आम व अन्य उत्पादों के लिए यह गलियारा न केवल इन उद्योगों को बढ़ावा देगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा. गंगा नदी के किनारे स्थित होने के कारण, यह क्षेत्र जल परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र हो सकता है. साथ ही प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण से यह क्षेत्र विमानन सेवा के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जायेगा.
बुनकरों, किसानों व आमलोगों को मिलेगा इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर का लाभ
- रेशम उद्योग को बढ़ावा मिलने से बुनकरों, कतरनी धान, जर्दालू आम, मनराजी लीची से किसानों और अन्य उत्पादों के कारण आमलोगों को रोजगार मिलेगा
- भागलपुर में होगी एक केंद्रीय बाजार की स्थापना, किसान के उत्पादित चीजों के बर्बाद होने पर लगेगा रोक
- क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
- जल परिवहन और विमान परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र की स्थापना
- रोजगार के अवसरों का सृजन
- क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा
इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के लिए तैयार ब्लू प्रिंट
- स्थल का चयन और सर्वेक्षण
- परियोजना के लिए आवश्यक अनुमतियां और मंजूरी प्राप्त करना
- परियोजना के लिए आवश्यक धन की व्यवस्था करना
- परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक टीम का गठन करना
- परियोजना के पूर्ण होने पर, इसका उद्घाटन करना और उद्योगों के लिए इसका दरवाजा खोलना
किनके साथ होगी बैठक, किन लोगों का होगा चयन?
जिला प्रशासन के नेतृत्व में शीघ्र ही जिले के अनुभवी विशेषज्ञों व जानकार लोगों के साथ बैठक की जायेगी. इसमें भागलपुर के ऐसे लोगों का चयन किया जायेगा, जिनकी दिलचस्पी इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर स्थापित करने में होगी. सरकार की योजना का लाभ आसानी से देकर रेशम उद्योग, कतरनी धान, जर्दालू आम व मनराजी लीची समेत अन्य खाद्य प्रसंस्करण के उत्पादों को बाजार को विकसित करने के लिए आगे लायेंगे.
खुशबू कुमारी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, भागलपुर
क्या है इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर
जीएम खुशबू कुमारी ने बताया कि इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को आवंटित बुनियादी ढांचे के खर्च का एक पैकेज है. इसका उद्देश्य औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना है. औद्योगिक गलियारे का उद्देश्य विनिर्माण या किसी अन्य उद्योग के समूह के साथ एक क्षेत्र बनाना है. ऐसे गलियारे अक्सर उन क्षेत्रों में बनाये जाते हैं, जहां पहले से ही बुनियादी ढांचा अर्थात इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि बंदरगाह, राजमार्ग और रेलमार्ग. कॉरिडोर बनाते समय मांग, सुकार्यता का सही आकलन, माल और श्रमिकों के लिए परिवहन विकल्प, भूमि मूल्य और कंपनियों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन शामिल है. दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे विकासशील देशों के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे उन्नत देशों में भी बुनियादी ढांचे के गलियारे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों से महानगरीय क्षेत्रों में बढ़ती आवाजाही से आबादी वाले केंद्रों में औद्योगिक गलियारे आगे बढ़ेंगे.