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राजद नेताओं की सोच केवल बेटे-बेटियों तक सीमित, पूरा बिहार हमारा परिवार: सीएम

राजद नेताओं की सोच केवल बेटे-बेटियों तक सीमित, पूरा बिहार हमारा परिवार: सीएम

पुराने नेता और कार्यकर्ताओं को जोड़ेगा जदयू

संवाददाता, पटना

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद नेताओं पर निशाना साधते हुये कहा है कि उन लोगों की सोच केवल बेटे-बेटियों तक सीमित है. पूरे बिहार को हम अपना परिवार मानते हैं. उन्होंने कहा कि 2005 के बाद हमारी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम किया है. अल्पसंख्यक समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत हुई है, जिसका व्यापक लाभ गरीब अल्पसंख्यकों को हुआ है. उन्होंने बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, महिला सशक्तिकरण सहित राज्य के विकास के लिए बेहतर काम हुआ है. मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित पार्टी राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुये कहीं.

हमारी सरकार का एकमात्र लक्ष्य बिहार को देश के टाॅप-10 समृद्ध राज्यों में पहुंचाना : संजय झा

इस दौरान जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि हमारी सरकार का एकमात्र लक्ष्य बिहार को देश के टाॅप-10 समृद्ध राज्यों में पहुंचाना है. केंद्र एवं राज्य सरकार के परस्पर सहयोग और प्रयास से हम इस लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बाल विवाह और शराबबंदी जैसे कई समाज सुधार की दिशा में नीतीश कुमार के अभियानों की प्रशंसा आज देश और दुनिया में होती है. हमारे नेता ने बिहार में जातीय गणना कराकर आसाधरण काम किया है. इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद देवशचंद्र ठाकुर, मंत्री सह राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने भी बैठक को संबोधित किया. इस दौरान विधान पार्षद सह वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष रवीन्द्र प्रसाद सिंह ने राजनैतिक प्रस्ताव और प्रदेश महासचिव प्रह्लाद सरकार ने संगठन संबंधी प्रस्ताव पेश किया. बैठक में मौजूद नेताओं ने इसका समर्थन किया. कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी (स्थापना) चंदन कुमार सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो नवीन आर्य चंद्रवंशी ने की.

राजनीतिक प्रस्ताव पर लगी मुहर

विधान पार्षद सह वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष रवीन्द्र प्रसाद सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया. इसमें पार्टी नेताओं से कहा गया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार के विकास की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जायें और उस पर चर्चा-परिचर्चा करें. हमारे सभी कार्यकर्ता अपने को बिहार की विकास-वाहिनी का सम्मानित सदस्य और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास-सेना का कर्मठ सिपाही समझें. लोकसभा चुनाव का परिणाम ने केन्द्र में एनडीए सरकार के गठन में जदयू की भूमिका सुनिश्चित की. लोकसभा चुनाव आंकड़ों में विधानसभा की 77 सीटों पर जदयू पहले स्थान पर है. यह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत है. हमें इससे आगे भी जाना है. साथ ही कहा गया कि अपने सीमित संसाधनों के बावजूद बिहार में विकास दर 14.47 तक पहुंच गया है. यदि विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज की सुविधा बिहार को मिल गयी होती तो यह अब तक देश के समृद्ध एवं विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंच चुका होता. हालांकि मुख्यमंत्री के आग्रह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बिहार को विशेष पैकेज देना शुरू किया है. इससे राज्य में विकास की रफ्तार बढ़ेगी. जाति आधारित गणना के बाद बिहार में नई आरक्षण नीति लागू हुई और आरक्षण के प्रतिशत में वृद्धि की गयी. पटना उच्च न्यायालय ने नयी आरक्षण नीति को निरस्त कर दिया. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस पहल के लिए कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री को बधाई दी. उच्चतम न्यायालय का फैसला आते ही पुनः वह आरक्षण नीति लागू हो जायेगी.

राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी होगी विस्तारित

प्रदेश महासचिव प्रह्लाद सरकार ने संगठन संबंधी प्रस्ताव पेश किया और इस राज्य कार्यकारिणी ने इन पर मुहर लगा दी. इन प्रस्तावों में मुख्य रूप से कहा गया कि पार्टी संगठन को व्यापकता देकर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. बिहार में जब हमारा संगठन मजबूत और धारदार होगा तो इसका लाभ दूसरे राज्यों में भी हमें मिलेगा. 29 जून 2024 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने संगठन संबंधी प्रस्ताव में यह निर्णय लिया था कि विधानसभा चुनाव में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पांच से 10 कार्यकर्ताओं की एक टोली बूथ प्रभारी के रूप में तैनात की जाये. आवश्यकतानुसार प्रखंड, अनुमंडल, जिला स्तर पर इनकी बैठक या प्रशिक्षण का प्रस्ताव दिया गया. इसके साथ ही कहा गया कि समता पार्टी के समय के पुराने पदाधिकारी और कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं. वे अनेक कारणों से सक्रिय नहीं हैं. उनसे संवाद करने की जरूरत है. इस कार्यक्रम का नामकरण “सम्मान-संवाद ” हो सकता है. वहीं एनडीए के प्रमुख घटक दलों से बेहतर समन्वय के लिए “संगत-पंगत ” नाम से कार्यक्रम चलाने और संवाद बनाये रखने का प्रस्ताव रखा गया.

बैठक में अन्य नेताओं के अलावा राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन प्रसाद, प्रदेश महासचिव रंजीत झा, विधानसभा प्रभारी ओम प्रकाश सिंह सेतु भी मौजूद थे.

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